Gen-Z, जो 1990 के दशक के आखिर और 2010 के प्रारम्भ के बीच पैदा हुए—डिजिटल फर्स्ट अप्रोच, आउट स्पोकन एटीट्यूड और स्ट्रॉन्ग सोशल आइडियल के साथ मॉडर्न वर्कप्लेस में छा गए हैं. लेकिन इस जेनरेशन को काम पर रखने की चर्चा अक्सर कई नियोक्ताओं के लिए निराशा में बदल जाती है, जो उनकी अपारंपरिक वर्क स्टाइल और एक्सपेक्टेशन को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं.


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अगस्त 2024 में किए गए इस सर्वे में अपनी कंपनियों में नियुक्ति प्रक्रियाओं में शामिल 966 बिजनेस लीडर्स से प्रतिक्रियाए ली गईं. प्रतिभागियों का चयन 25 साल से ज्यादा आयु, 75,000 डॉलर से ज्यादा की घरेलू आय, सी-लेवल के अधिकारियों या एचआर मैनेजर्स जैसी सीनियर भूमिकाओं पर काम करने, 10 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियों में काम करने और कम से कम कॉलेज लेवल की पढ़ाई करने जैसे मानदंडों के आधार पर किया गया था.


एंप्लॉयर जनरेशन Z फ्रेशर्स को नौकरी पर रखने के लिए अनिच्छुक क्यों हैं?
जनरेशन Z वर्कफोर्स के बारे में नियोक्ताओं के विचार उनके भर्ती विकल्पों को भारी रूप से प्रभावित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर नई प्रतिभाओं को शामिल करने में हिचकिचाहट होती है. इंटेलिजेंस डॉट कॉम के सर्वे के अनुसार, यहां बताया गया है कि वर्कप्लेस में जनरेशन Z के नए लोगों के बारे में अमेरिकी नियोक्ता क्या सोचते हैं.


मोटिवेशन या इनिशिएटिव की कमी
45 फीसदी एंप्लॉयर्स रिपोर्ट करते हैं कि जनरेशन Z की भर्तियों में अक्सर मोटिवेशन की कमी होती है, जिससे प्रॉडक्टिविटी प्रभावित होती है.


प्रोफेशनलिज्म की कमी
40 फीसदी एंप्लॉयर्स के अनुसार, वर्कप्लेस पर जनरेशन Z का व्यवहार हमेशा प्रोफेशनल मानकों के अनुरूप नहीं होता है.


अधिकार की भावना
65 फीसदी नियोक्ताओं को लगता है कि जनरेशन Z कर्मचारी अधिकार दिखाते हैं, जो टीम की डायनमिक्स को प्रभावित कर सकता है.


आसानी से नाराज हो जाना
आधे से ज्यादा (55%) का कहना है कि जनरेशन Z कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिज्म का अच्छी तरह से जवाब नहीं देती है, जो उनकी ग्रोथ और एडप्टिबिलिटी को प्रभावित करता है.


वर्कफोर्स की वास्तविकताओं के लिए तैयार न होना 40% नियोक्ता मानते हैं कि जेन Z फुलटाइम वर्क की मांगों के लिए तैयार नहीं है.


अमेरिका में जेन जेड फ्रेशर्स को काम पर रखने के लिए एंप्लॉयर्स की अनिच्छा मोटिवेशन, प्रोफेशनलिज्म और वर्क एथिक में कथित कमियों से पैदा होती है. अधिकार, फीडबैक को संभालने में कठिनाई और कार्यबल की मांगों के लिए तैयार न होने की चिंताओं के साथ, कई नियोक्ता इस जेरनेशन को पूरी तरह से अपनाने में संकोच करते हैं. जबकि जेन जेड नए अप्रोच लाता है, ये चिंताएं उनकी अपेक्षाओं और पारंपरिक वर्कप्लेस मानकों के बीच की खाई को पाटने की चुनौतियों को उजागर करती हैं.


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