UGC Defaulter University List 2024: 7 सरकारी और 9 प्राइवेट यूनिवर्सिटी डिफॉल्ट घोषित, UGC ने जारी की पूरी लिस्ट
16 Universities Declared Defaulter: विश्वविद्यालय में छात्रों के शिकायतों का निवारण करता है लोकपाल इन विश्वविद्यालय ने लोकपाल नियुक्त नही किये इसी को लेकर UGC सख्त रवैया अपनाया.
Makhanlal Chaturvedi Journalism University: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देशानुसार सभी विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति अनिवार्य है. यह नियुक्ति छात्रों को उनकी शिकायतों और समस्याओं के निवारण के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करती है. लेकिन, कई यूनिवर्सिटी इस महत्वपूर्ण नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. यूजीसी ने हाल ही में डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज की एक लिस्ट जारी की है, जिनमें माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं प्रसारण विश्वविद्यालय भी शामिल है. विश्वविद्यालय में छात्रों के शिकायतों का निवारण करता है लोकपाल इन विश्वविद्यालय ने लोकपाल नियुक्त नही किये इसी को लेकर UGC सख्त रवैया अपनाया. डिफॉल्ट घोषित होने से यूनिवर्सिटी की इमेज पर फर्क पड़ेगा.
ये है यूनिवर्सिटीज की पूरी लिस्ट
UGC ने जारी की डिफॉल्टर यूनिवर्सिटी की लिस्ट
मध्यप्रदेश के 7 सरकारी विश्वविद्यालय डिफाल्टर घोषित
मध्यप्रदेश की पत्रकारिता यूनिवर्सिटी माखनलाल चतुर्वेदी डिफाल्टर घोषित
आरजीपीवी
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय
मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी
नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय
राजा मानसिंह तोमर म्यूजिक एवं आर्ट यूनिवर्सिटी
राजमाता विजय राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय डिफाल्टर घोषित
इन निजी यूनिवर्सिटी को डिफॉल्ट घोषित किया गया
आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी
एलएनसीटी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी
मध्यांचल प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
ओरिएंटल यूनिवर्सिटी
श्री वैश्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय
स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी
ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी
जेएनसीटी प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
अमलतास यूनिवर्सिटी
विश्वविद्यालय में छात्रों के शिकायतों का निवारण करता है लोकपाल इन विश्वविद्यालय ने लोकपाल नियुक्त नही किये इसी को लेकर UGC सख्त रवैया अपनाया. डिफॉल्ट घोषित होने से यूनिवर्सिटी की इमेज पर फर्क पड़ेगा.
छात्रों की परेशानी
कई अन्य यूनिवर्सिटीज ने न केवल लोकपाल की नियुक्ति में देरी की है, बल्कि कुछ ने नियुक्ति के बाद भी स्टूडेंट्स को इस बारे में जानकारी नहीं दी है. यह स्थिति छात्रों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए उचित प्लेटफॉर्म नहीं मिल पा रहा है.