9 साल में शादी तो 22 की उम्र में हुई मृत्यु, बच्चे की मौत के कारण बनीं भारत की पहली महिला डॉक्टर
Anandi Gopal Joshi: आज हम आपको भारत की पहली महिला डॉक्टर के बारे में बताएंगे, जिनकी शादी 9 साल की उम्र में कर दी गई थी और जिन्होंने 14 साल की उम्र नें अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था. हालांकि, उनका बच्चा 10 दिन में ही दुनिया से चल बसा, जिस कारण उन्होंने डॉक्टर बनने का निर्णय लिया.
First Female Doctor of India: आनंदी गोपाल जोशी को भारत की पहली महिला डॉक्टर माना जाता है. आनंदी गोपाल जोशी का जन्म 31 मार्च 1865 को महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण में हुआ था. उस समय यह क्षेत्र बॉम्बे प्रेसीडेंसी कहलाता था. जन्म के समय उनका नाम 'यमुना' रखा गया था, लेकिन शादी के बाद उनके पति गोपालराव जोशी ने उनका नाम 'आनंदी' रख दिया.
परिवार और बचपन
आनंदी गोपाल जोशी के परिवार के पास पहले काफी जमीन-जायदाद थी, लेकिन ब्रिटिश शासन के भारी करों और लगातार हुए घाटों के कारण उनका परिवार आर्थिक संकट में आ गया. यमुना (आनंदी) को सिर्फ 9 साल की उम्र में शादी करनी पड़ी, जैसा कि उस समय की प्रथा थी. उनके पति गोपालराव जोशी एक डाक कर्मचारी थे और उनसे करीब 30 साल बड़े थे.
हालांकि यह शादी आज के मानकों से अनुचित लगती है, लेकिन गोपालराव महिलाओं की शिक्षा के बड़े समर्थक थे. उस समय यह विचार बहुत प्रगतिशील माना जाता था.
डॉक्टर बनने का संकल्प
आनंदी ने 14 साल की उम्र में एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन सही चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में बच्चा सिर्फ 10 दिनों में ही चल बसा. इस दर्दनाक अनुभव ने आनंदी को भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए डॉक्टर बनने की प्रेरणा दी. उनके पति ने उनके इस फैसले का पूरा समर्थन किया और उन्हें पढ़ाई के लिए अमेरिका भेजने का फैसला किया.
गोपालराव ने एक अमेरिकी मिशनरी को पत्र लिखकर आनंदी की पढ़ाई के लिए मदद मांगी और खुद भी वहां नौकरी करने की पेशकश की. लेकिन 1883 में, जब गोपालराव का तबादला वर्तमान पश्चिम बंगाल के सेरामपुर में हुआ, तो उन्होंने आनंदी को अकेले अमेरिका जाने के लिए प्रेरित किया.
अमेरिका में पढ़ाई और चुनौतियां
आनंदी ने पेंसिल्वेनिया के विमेंस मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया और 19 साल की उम्र में अपनी मेडिकल की पढ़ाई शुरू की. अमेरिका में रहते हुए, ठंडे मौसम और अलग खानपान के कारण उनकी पहले से खराब सेहत और बिगड़ गई. उन्हें टीबी (क्षयरोग) हो गया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने एमडी की डिग्री पूरी की. उनकी उपलब्धि इतनी बड़ी थी कि ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया ने उन्हें बधाई संदेश भेजा. आनंदी जोशी भारतीय मूल की पहली महिला बनीं, जिन्होंने अमेरिका से मेडिकल की डिग्री हासिल की.
भारत लौटना और उनका योगदान
1886 में भारत लौटने पर आनंदी का भव्य स्वागत हुआ. उन्हें कोल्हापुर के प्रिंसली स्टेट में एल्बर्ट एडवर्ड अस्पताल में चिकित्सक-प्रभारी नियुक्त किया गया.
अल्पायु में हुआ निधन
26 फरवरी 1887 को, अपने 22वें जन्मदिन से ठीक एक महीने पहले, आनंदी गोपाल जोशी का निधन टीबी के कारण हो गया. उनका सपना था कि महिलाओं के लिए एक मेडिकल कॉलेज खोलें, लेकिन यह सपना अधूरा रह गया. उनकी मौत से पूरा देश शोक में डूब गया. उनके सम्मान में उनकी अस्थियां न्यूयॉर्क के पॉकिप्सी कब्रिस्तान में रखी गईं.
आनंदी की स्मृति में लखनऊ की एक एनजीओ 'आईआरडीएस' उन्हें सम्मानित करते हुए 'आनंदिबाई जोशी अवार्ड फॉर मेडिसिन' प्रदान करती है. महाराष्ट्र सरकार ने भी उनके नाम पर एक फेलोशिप शुरू की है.