Free Career Counselling: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक प्रोग्राम शुरू किया है जिसके तहत राज्य सरकार स्कूल के स्टूडेंट्स को उनके करियर के बारे में गाइड करने के लिए पर्सन काउंसलिंग प्रदान करेगी. माध्यमिक शिक्षा विभाग ने करियर काउंसलिंग और गाइडेंस में विशेषज्ञता वाली एक एड-टेक iDreamCareer (iDC) के साथ टाइअप किया है. इस प्रोजेक्ट से वाराणसी, कानपुर, मेरठ, लखनऊ और गाजियाबाद में 10वीं और 12वीं कक्षा के 14,700 स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा.


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इन पांच जिलों में लगभग 31 काउंसलर्स स्टूडेंट्स के बीच एजुकेशनल अवेयरनेस लाएंगे. साथ ही उन्हें स्कॉलशिप के साथ अपने सपनों का कॉलेज सर्च करने में मदद करेंगे और इंडस्ट्री में मौजूद कई करियर ऑप्शन के बारे में सीखेंगे.


माइकल और सुसान डेल फाउंडेशन द्वारा सपोर्टेड, यह प्रोजेक्ट मौजूदा पंख पोर्टल का एक्स्टेंशन है, जो टेक्नोलॉजी के माध्यम से सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में स्टूडेंट्स को करियर अवेयनेस प्रदान करती है. एडिशनल स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर, समग्र शिक्षा (माध्यमिक शिक्षा) विष्णु कांत पांडे ने कहा, "प्रोजेक्ट्स स्टूडेंट्स को इंडिविजुअल काउंसलिंग सेशन, करियर डिटेल्स, परीक्षा पैटर्न और कॉलेज में प्रवेश पाने तक मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर प्रदान करके स्कॉलरिशप के साथ कॉलेज में एडमिशन की मैक्सिमम संख्या सुनिश्चित करेगी."


यूडीआईएसई आंकड़ों के मुताबिक, कक्षा 10 और 11 के बीच लगभग 18 फीसदी स्टूडेंट्स ने पढ़ाई छोड़ दी. कक्षा 12 से उच्च शिक्षा (ग्रेजुएट्स) तक यह बढ़कर लगभग 30 प्रतिशत हो जाता है. ऑल इंडिया हायर एजुकेशन सर्वे (एआईएसएचई) से पता चलता है कि योग्य आबादी में लगभग 4 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद, यूपी में ग्रोस एनरोलमेंट रेश्यो (जीईआर) पिछले पांच साल में केवल 0.4 फीसदी बढ़ा है.


ड्रॉपआउट के कुछ प्रमुख कारणों में एडमिशन प्रक्रियाओं, करियर ऑप्शन और शिक्षा फंडिंग के बारे में जागरूकता की कमी शामिल है. एक अधिकारी ने कहा, "इन पर्सन काउंसलिंग, एजुकेशनल अवेयरनेस और स्कॉलरशिप तक पहुंच के माध्यम से, यह पहल एनरोलमेंट रेश्यो बढ़ाने की आकांक्षा रखती है."