World Mysterious Lake in Which No Human Can Drown: Dead Sea में इंसान आमतौर पर नहीं डूबते क्योंकि इसका पानी अत्यधिक खारा (Salty) है. इसके खारेपन का लेवल इतना ज्यादा है कि पानी का डेंसिटी बढ़ जाती है, जिससे शरीर को ऊपर की ओर धकेलने वाली उछाल (Buoyancy) अधिक हो जाती है. इसका मतलब है कि जब इंसान Dead Sea में तैरते हैं, तो पानी उन्हें स्वाभाविक रूप से सतह पर तैरते रहने में मदद करता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Dead Sea के पानी का खारापन क्यों ज्यादा है?
Dead Sea एक लैंड-लॉक झील है, जिसका कोई निकास नहीं है. इसमें पानी मुख्य रूप से नदी और बारिश के माध्यम से आता है, लेकिन इस पानी का कोई बाहरी प्रवाह नहीं होता. पानी जब इवेपोरेट हो जाता है, तो अपने साथ मिनिरल्स को पीछे छोड़ जाता है. यही कारण है कि इस झील का खारापन सामान्य समुद्री पानी से करीब 8-9 गुना अधिक है. Dead Sea का खारापन लगभग 30-35% तक होता है, जबकि सामान्य समुद्री पानी में यह केवल 3-4% होता है.


उछाल के पीछे की साइंस
Archimedes के सिद्धांत के अनुसार, कोई वस्तु (जैसे इंसान) पानी में तभी डूबेगी, जब उसका वजन उस पानी के डेंसिटी से अधिक होगा, जिसे वह डिसप्लेस करता है. चूंकि Dead Sea के पानी की डेंसिटी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए यह इंसान के शरीर को सामान्य पानी की तुलना में अधिक आसानी से सतह पर तैरने में मदद करता है. यही कारण भी है कि यहां इंसान को तैरने के लिए ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता नहीं होती.


क्या डूबने का कोई खतरा नहीं है?
हालांकि Dead Sea में इंसान आसानी से नहीं डूबते, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है. अगर कोई व्यक्ति अपने चेहरे के बल तैरने की कोशिश करता है या पानी में उल्टा हो जाता है, तो पानी के अंदर जाना मुश्किल हो सकता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत आ सकती है. इसके अलावा, पानी का खारापन बहुत ज्यादा होने के कारण यह आंखों, नाक, और मुंह में जाने पर जलन पैदा कर सकता है.