Hyderabad Richest Person Success Story: अगर इंसान के पास जज्बा और मेहनत करने का जुनून हो, तो शिक्षा की कोई सीमा नहीं होती. इसकी सबसे बड़ी मिसाल हैं हैदराबाद के मुरली दिवि. 12वीं में दो बार फेल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपने संघर्ष और मेहनत से एक ऐसा साम्राज्य खड़ा कर दिया जो आज करोड़ों का है. मुरली दिवि न सिर्फ हैदराबाद के सबसे अमीर व्यक्ति हैं, बल्कि दुनिया के सबसे अमीर साइंटिस्ट्स में से एक हैं.


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कहां से और कितनी की है पढ़ाई? 
मुरली दिवि का सफर आसान नहीं था. 12वीं में दो बार फेल होने के बावजूद उन्होंने मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन से फार्मेसी की पढ़ाई पूरी की. उनके पिता एक साधारण सरकारी कर्मचारी थे, जिनकी 10,000 रुपये की पेंशन पर परिवार चलता था. मुरली दिवि ने सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की.


अमेरिका का सफर सिर्फ 500 रुपये लेकर
साल 1976 में मुरली दिवि केवल 25 साल की उम्र में अमेरिका गए. उनके पास उस समय सिर्फ 500 रुपये थे. अमेरिका में उन्होंने फार्मासिस्ट के रूप में काम करना शुरू किया. वहां ट्रिनिटी केमिकल और फाइक केमिकल्स जैसी कंपनियों में काम किया और सालाना 65,000 अमेरिकी डॉलर कमाए.


40,000 अमेरिकी डॉलर लेकर भारत लौटे
जानकारी के मुताबिक कुछ सालों तक अमेरिका में काम करने के बाद मुरली दिवि 40,000 अमेरिकी डॉलर के साथ भारत लौटे. परिवार में कोई इमरजेंसी आने के कारण, उन्हें भारत वापस आना पड़ा. यहां उन्होंने 1984 में डॉक्टर कल्लम अंजि रेड्डी के साथ मिलकर केमिनोर ड्रग्स कंपनी खरीदी.


डिविज लैबोरेटरीज की शुरुआत
1990 में मुरली दिवि ने एक बड़ा फैसला लिया और डिविज रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. 1995 में उन्होंने तेलंगाना के चौटुप्पल में अपनी पहली मैन्युफैक्चरिंग सुविधा शुरू की. इसके बाद 2002 में विशाखापत्तनम के पास अपनी दूसरी मैन्युफैक्चरिंग यूटिलिटीज शुरू की.


आज हैं हैदराबाद के सबसे अमीर व्यक्ति
फोर्ब्स के अनुसार, मुरली दिवि की कुल संपत्ति लगभग 53,000 करोड़ रुपये (6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है. उनकी कंपनी दिविज लैब्स का मार्केट कैप लगभग 97,476 करोड़ रुपये है. कंपनी ने मार्च 2022 में 88 बिलियन रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया. मुरली दिवि ने न सिर्फ अपने लिए, बल्कि अपने देश के लिए भी एक मिसाल कायम की.