IAS Manuj Jindal Success Story: जिंदगी में चुनौतियों आती रहती हैं, लेकिन जो इनका डटकर सामना करता है, वो जिंदगी जीना सीख लेते हैं और हर  हर परिस्थिति में खुद के लिए कोई बेहतर रास्ता खोज ही लेते हैं. आज हम यूपीएससी सक्सेस स्टोरी में आपके लिए एक ऐसी ही कहानी लेकर आए हैं, जिन्होंने मुश्किल हालातों से लड़कर अपनी मंजिल पाई. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाना बहुत बड़ी उपलब्धि होती है. मनुज जिंदल कठिन हालातों से लड़कर इस उपलब्धि को हासिल करने वाले एक ही एक  आईएएस अधिकारी हैं. आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी... 


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यूपीएससी एनडीए किया क्वालिफाई
महाराष्ट्र कैडर के आईएएस ऑफिसर मनुज जिंदल यूपी गाजियाबाद के रहने वाले हैं, लेकिन उन्होंने स्कूली शिक्षा देहरादून उत्तराखंड से ली है. आईएएस मनुज जिंदल ने 18 साल की उम्र में ही एनडीए की परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल की, लेकिन उन्हें डिप्रेशन की समस्या के चलते उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया, लेकिन हार ना मानने के जज्बे ने मनुज को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता दिलाई. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि कैसे उन्होंने विपरीत परिस्थितियों का सामना करके खुद को काबिल बनाया. 


बेहद ही चुनौतीपूर्ण रहा सफर  
जानकारी के मुताबिक एनडीए की ट्रेनिंग के दौरान मनुज ने अपने पहले फेज में अच्छा परफॉर्म किया, लेकिन ट्रेनिंग के सेकंड फेज के दौरान वह एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी परेशानियों का शिकार  हो गए थे, जिसके चलते उनकी हालत बिगड़ गई और एकेडमी को उन्हें अयोग्य घोषित करना पड़ा. इस तरह वह अपना कोर्स पूरा नहीं कर पाए. 


इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए मनुज विदेश चले गए. हालांकि, उन्होंने वहां सैटल होने की बजाय भारत लौटकर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया. मनुज ने पहले अटैम्प्ट में यूपीएससी की प्री और मेंस निकाल लिया था, लेकिन फाइनल लिस्ट में रह गए. 


मंजिल हासिल कर ही ली
सेकंड अटैम्प्ट में एग्जाम तो क्वालिफाई कर लिया,  लेकिन फाइनल रिजल्ट में नाम रिजर्व लिस्ट में था. दो बार नाकामी मिलने के बाद भी उन्होंने साल 2017 में एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा थी.  थर्ड अटैम्प्ट में उन्होंने न केवल परीक्षा में क्वालिफाई किया, बल्कि ऑल इंडिया 53वीं रैंक हासिल की. इस तरह आईएएस मनुज जिंदल ने अपने राह में आने वाली हर चुनौती को पार किया और अपनी मंजिल हासिल कर ही ली.