UPSC Success Story: पापा करते थे स्टील प्लांट में काम, बेटी 4 महीने सेल्फ स्टडी करके बन गई IAS अफसर
IAS Simi Karan ने साल 2019 में पहली बार यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम दिया. इसी वह इसी साल आईआईटी बॉम्बे से पास आउट भी हुई थीं.
IAS Officer Simi Karan: एक आईआईटी ग्रेजुएट जिन्होंने पहले अटेंप्ट में यूपीएससी में सफलता हासिल की, यह किसी भी व्यक्ति के लिए एक सशक्त परिचय है और उसकी प्रतिभा का प्रतीक है. हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी सिमी करण की.वह ओडिशा की रहने वाली हैं और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भिलाई, छत्तीसगढ़ में की. उनके पिता भिलाई स्टील प्लांट में काम करते थे, जबकि उनकी मां एक टीचर थीं.
इसके बाद, उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने के लिए आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की. वहां उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में झुग्गियों में बच्चों को पढ़ाया भी. उनकी विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए वह समाज और मानवता के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित हुईं. इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने का मन बनाया.
सिमी ने टॉप यूपीएससी कैंडिडेट्स के इंटरव्यू का विश्लेषण करके तैयारी शुरू की. उन्होंने यूपीएससी सिलेबस को भी छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा. उन्होंने केवल 4 महीने की तैयारी के साथ 2019 में यूपीएससी में 31 की ऑल इंडिया रैंक के साथ अपने पहले अटेंप्ट में यूपीएससी में सफलता हासिल की. वह 22 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बन गईं.
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यूपीएससी क्रैक करने की अपनी स्ट्रेटजी के बारे में बात करते हुए सिमी ने एक इंटरव्यू में कहा, "मैंने कभी भी पढ़ाई के घंटों पर फोकस नहीं किया, बल्कि पूरा करने पर फोकस करने के लिए शॉर्ट टर्म गोल (डेली, कभी-कभी प्रति घंटा भी) निर्धारित किए... इसलिए, शेड्यूल में मुताबिक उतार-चढ़ाव होता रहा, लेकिन औसतन, मैंने 8-10 घंटे पढ़ाई की. मैं भी इस बात पर प्रकाश डालना चाहती हूं कि मैंने पढ़ाई की क्वालिटी, सीमित संसाधनों पर फोकस किया और अपने दिमाग को आराम देने के लिए जॉगिंग, स्टैंड-अप कॉमेडी देखने जैसे मनोरंजन के लिए समय निकाला."
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