मोदी सरकार के पास बहुमत, फिर 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को JPC के पास क्यों भेज दिया?
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मोदी सरकार के पास बहुमत, फिर 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को JPC के पास क्यों भेज दिया?

One Nation, One Election: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक को लोकसभा में पेश करने के बाद व्यापक विचार-विमर्श के लिए विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने का प्रस्ताव किया. आखिर जब मोदी सरकार के बाद सदन में बहुमत है तो फिर इस बिल को जेपीसी के पास क्यों भेजा गया?

मोदी सरकार के पास बहुमत, फिर 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को JPC के पास क्यों भेज दिया?

One Nation One Election Bill: संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को मंगलवार को लोकसभा में सदस्यों के मतदान के बाद औपचारिक रूप से पेश किया गया. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव (One Nation, One Election)' विधेयक पेश किया. कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने बिल में को संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए विरोध किया. इसके बाद अर्जुन राम मेघवाल ने व्यापक विचार-विमर्श के लिए विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने का प्रस्ताव किया. बता दें कि विधेयक में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' यानी लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है.

विधेयक पेश करने के लिए मतदान में कितने वोट?

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को सदन में विधेयक पेश करने के लिए हुए मतदान के नतीजे की घोषणा की. मतदान में 269 सदस्यों ने पक्ष में (हां) और 196 ने विपक्ष में (नहीं) मत दिया. इस साल सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के बाद ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद इस प्रस्ताव को एनडीए के सहयोगी दलों और कुछ विपक्षी दलों का समर्थन मिला, लेकिन कांग्रेस समेत कुल 15 विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. इस प्रस्ताव को कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार को संसद के दोनों सदनों-लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत हासिल करना होगा.

लोकसभा का नंबर गेम

लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी दलों के पास कुल 293 सांसद हैं. विधेयक को लोकसभा में पारित कराने के लिए भाजपा को दो तिहाई बहुमत यानी 364 सांसदों की जरूरत है. यानी एनडीए को लोकसभा में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव (One Nation, One Election)' विधेयक पास कराने के लिए विपक्षी दलों के 71 सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी.

राज्यसभा में चुनौतियां

इस प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों से पारित होना जरूरी है. राज्यसभा में भी विधेयक को पारित कराने के लिए एनडीए को दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है. राज्यसभा की 245 सीटों में से एनडीए के पास 112 सीटें हैं, जबकि विपक्षी दलों के पास 85 सीटें हैं. दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के लिए सरकार को कम से कम 164 वोटों की जरूरत होगी. एक स्वतंत्र और छह मनोनीत सांसदों के समर्थन के साथ एनडीए के पास राज्यसभा में कुल 120 सांसद हैं, जो विधेयक को पारित कराने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.

क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन?

'एक राष्ट्र, एक चुनाव (One Nation One Election) के जरिए पूरे देश भर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जा सकेंगे. वर्तमान में देशभर में दोनों चुनाव अलग-अलग समय पर कराए जाते हैं, जबकि मोदी सरकार इसे एक ही समय पर कराने के लिए कवायद कर रही है. इसके लिए सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी, जिसमें 8 सदस्य शामिल थे. पिछले साल सितंबर में इस कमेटी का गठन किया गया था, जिसने इस साल मार्च में अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी. इसके बाद इस साल सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी. अब इसे संसद में पेश किया गया है और इसको कानून बनाने के लिए संसद के दोनों सदनों में बहुमत हासिल करना होगा.

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