IB students Leak Maths Paper: आपने साल 2023 में आई बॉलीवुड फिल्म 'फर्रे (Farrey) ' तो देखी होगी, तो फिर आप 'टाइम जोन चीटिंग' के बारे में भी जानते ही होंगे. ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया है. 12वीं कक्षा के समकक्ष इंटरनेशनल बैकलॉरिएट डिप्लोमा प्रोग्राम  (IBDP) ने पिछले सप्ताह अपने मैथ्स टेस्ट के दौरान 'टाइम ज़ोन टीचिंग' के मामले देखें. एक टाइम जोन के छात्रों ने मैथ्स के प्रश्नों को याद कर लिया और बाद में अपना टेस्ट पूरा करने के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, संभावित रूप से दूसरे टाइम जोन के उन छात्रों की सहायता की, जिन्होंने अभी तक परीक्षा नहीं दी थी.


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लीक का पता 3 मई को चला
टीओआई के मुताबिक आईबी परीक्षा 24 अप्रैल को शुरू हुई थी. दो घंटे की मैथ्स की परीक्षा का आयोजन 1 और 2 मई को किया गया था. जबकि, पेपर लीक के बारे में 3 मई 2024 को पता चला. आईबी बोर्ड ने इस बात को स्वीकार किया. हालांकि, बोर्ड ने पेपर लीक किस देश से हुआ इसके बारे में कोई जिक्र नहीं किया है. एसएमसीपी की रिपोर्ट के मुताबिक, पेपर की सामग्री को 45,000 से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया था. 


पेपर लीक की ये पहली घटना
मुंबई स्थित स्कूल के प्राचार्यों के मुताबिक पेपर की सामग्री टर्की से अपलोड की गई थी. उनके मुताबिक समय के अंतर के लिहाज से देखा जाए तो इंडियन स्टूडेंट्स को इसका फायदा होने की संभावना बहुत कम थी, लेकिन इस मटेरियल का फायदा हांगकांग, सिंगापुर, यूरोप और अमेरिका के स्टूडेंट्स को हो सकता था. स्विट्जरलैंड स्थित बोर्ड को 55 साल से ज्यादा हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि बोर्ड के इतिहास में पेपर लीक की यह पहली घटना है. ऐसे में इससे पहले 'टाइम जोन चीटिंग' पर ध्यान नहीं दिया गया.


बोर्ड तीन टाइम जोन में आयोजित करता है परीक्षा  
बोर्ड एक समान टाइमटेबल के साथ तीन टाइम रीजन में परीक्षा आयोजित करता है, जिसमें जोन ए में एशिया और ऑस्ट्रेलिया, जोन बी में यूरोप और अफ्रीका और जोन सी में अमेरिका शामिल है. बोर्ड के मुताबिक, टाइम ज़ोन चीटिंग में शामिल कुछ छात्रों की पहचान की गई है, जिसकी तहकीकात की जाएगी.  दोषी पाए जाने पर छात्रों को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है, जिसमें संबंधित विषयों के लिए अंक न देना, डिप्लोमा न दिया जाना और आगे की परीक्षाओं से बैन किया जाना शामिल है.


जानिए आईबी के बारे में
इंटरनेशनल बैकलॉरिएट एक प्रतिष्ठित एजुकेशन सिस्टम है. आईबी का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है और इसकी स्थापना 1968 में हुई थी. जानकारी के मुताबिक 160 देशों के 5,700 स्कूलों में 8,000 से ज्यादा कोर्सेस संचालित किए जाते हैं. यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व करने वाले गवर्नर्स बोर्ड द्वारा शासित होता है. भारत में 210 आईबी वर्ल्ड स्कूल हैं. नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर और चेन्नई में बड़ी संख्या में इसके स्कूल हैं.