कब बना था झांसी का सरकारी मेडिकल कॉलेज, कितनी हैं MBBS की सीटें? आग लगने से चर्चा में आया 56 साल पुराना हॉस्पिटल
Jhansi Medical College: झांसी मेडिकल कॉलेज में कल रात आग लगने से 10 बच्चों ने अपनी जान गवां दी. यह मेडिकल कॉलेज 50 सालों से ज्यादा पुराना है. चलिए जानते हैं हर साल यहां से कितने स्टूडेंट्स एमबीबीएस की डिग्री लेते हैं?
Jhansi Medical College MBBS Seats: उत्तर प्रदेश का झांसी इस समय बेहद चर्चा में है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि यह किसी अच्छी वजह से नहीं, बल्कि एक बड़े हादसे के कारण सुर्खियों में हैं. दरअसल, झांसी के सबसे चर्चित मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वॉर्ड में शुक्रवार रात आग लगने के कारण 10 बच्चों की मौत हो गई है. यह सरकारी मेडिकल कॉलेज 50 सालों से भी पुराना है. झांसी मेडिकल कॉलेज में जिले भर से शहरी और ग्रामीण लोगों के अलावा मध्य प्रदेश के ग्वालियर, ललितपुर आदि जिलों से भी मरीज इलाज पहुंचते हैं. आइए जानते हैं कि इस कॉलेज की नींव कब रखी गई थी और यहां एमबीबीएस कोर्स में कितनी सीटें हैं...
कब बना था मेडिकल कॉलेज?
हॉस्पिटल की आधारशिला झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर 16 दिसंबर 1965 को रखी गई, जो 1968 में बनकर तैयार हुआ. इस कॉलेज का पूरा नाम महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी (MLBMCJ) है. जानकारी के मुताबिक हॉस्पिटल कॉलेज बनाने की पहल भारत सरकार की तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुशीला नायर ने की थी. वह झांसी लोकसभा सीट से सांसद भी थीं. वह एक चाहती थीं कि झांसी में एक ऐसा सरकारी अस्पताल बने, जहां बुंदेलखंड के गरीब लोगों को आसानी से चिकित्सा सुविधाएं मिल सके.
वहीं, अब 380 एकड़ में फैले इस हॉस्पिटल की गिनती देश के सबसे बड़े कॉलेज कैंपस में होती है. झांसी मेडिकल कॉलेज में कई विभाग हैं, जहां डॉक्टर्स और नर्स का एक बड़ा स्टाफ काम करता है. हॉस्पिटिल कैंपस में ही हाउसिंग कॉम्प्लैक्स भी बना हुआ है. इस मेडिकल कॉलेज से हर साल 50 नए डॉक्टर्स का बैच एमबीबीएस की डिग्री हासिल करता है. इसके अलावा यहां पोस्ट ग्रेजुएशन की 54 सीटें अवेलेबल हैं. साल 1968 में 50 स्टूडेंट्स को एमबीबीएस के फर्स्ट बैच में एडमिशन देकर यहां पढ़ाई की शुरुआत की गई.
कॉलेज की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार कुल 700 बेड वाले इस हॉस्पिटल में 45 सीनियर डॉक्टर्स हैं. वहीं, इंटर्न समेत करीब 200 जूनियर डॉक्टर्स यहां अपनी सेवाएं देते हैं. साथ ही स्टाफ में नर्सों की संख्या भी 106 हैं. अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड 24 घंटे खुला रहता है. इसके अलावा यहां 24 प्राइवेट वार्ड, कैंसर ट्रीटमेंट यूनिट और बर्न यूनिट भी बनाई गई है.
ये भी हैं फैसिलिटीज
मेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरी में 10,147 बुक्स और पत्रिकाओं के 5,600 पुराने एडिशन हैं.
कॉलेज में स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल भी है.
हर हॉस्टल में बैडमिंटन और वॉलीबॉल कोर्ट भी है.
इसके अलावा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सेमिनार आदि के लिए ऑडिटोरियम भी है.