Delhi HC Response NTA NEET: नीट परीक्षा में शामिल हुई एक कैंडिडेट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर यह आरोप लगाया है कि नीट की आंसर-की के एक प्रश्न के दो विकल्प सही माने गए हैं, जबकि निर्देशों में यह कहा गया है कि केवल एक विकल्प सही हो सकता है. नीट अभ्यर्थी ने दिल्ली हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी. अब इस पर रिस्पॉन्स देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने एनटीए से जवाब मांगा है. सुनवाई का दौर तो अभी चलेगा, जिसके बाद फैसला चाहे जिसके भी पक्ष में आए, लेकिन इस मामले ने एनटीए की निष्पक्षता पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं. आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है... 


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एक सवाल के दो जवाब कैसे सही?  
दिल्ली हाईकोर्ट ने नीट आंसर-की में दो सही जवाब वाले एक प्रश्न को लेकर शिकायत करने वाली नीट-यूजी अभ्यर्थी की याचिका पर एनटीए का रुख जानना चाहा. न्यायमूर्ति डी.के. शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने एनटीए के वकील से याचिका पर निर्देश प्राप्त करने को कहा. याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि परीक्षा में इस प्रश्न का जवाब नहीं देने वालों को समान अंक दिए जाने चाहिए, जैसा कि दोनों सही जवाब देने वालों को दिया गया है. 


निष्पक्षता के साथ समझौता
याचिका के मुताबिक प्रतियोगी परीक्षा में निष्पक्षता का सिद्धांत का प्रावधान है कि सभी उम्मीदवारों का मूल्यांकन समान मानदंड पर होना चाहिए. पिटीशनर ने यह आरोप लगाया कि प्राधिकारों ने दो सही विकल्पों पर नंबर देकर निष्पक्षता के साथ समझौता किया है. जबकि निर्देशों में स्पष्ट संकेत दिया गया है कि एक प्रश्न का केवल एक विकल्प सही है. 


रिजल्ट फिर से जारी करने किए दिए जाए निर्देश
अपने स्कोर पर नेगेटिव मार्किंग के इफेक्ट को टालने के उद्देश्य से 17 वर्षीय छात्रा और याचिकाकर्ता ने उक्त सवाल का जवाब नहीं दिया, उसने 720 अंकों में 633 अंक और करीब 98 पर्सेंटाइल हासिल किया. ऑल इंडिया लेवल पर उसकी रैंक करीब 44,700 है. याचिकाकर्ता का कहना है कि एक भी नंबर उसकी रैंक बदल सकता है. इसलिए एनटीए को नीट यूजी 2024 रिजल्ट, रैंक और पर्सेंटाइल को ठीक करने और करेक्शन नंबर्स के आधार पर फिर से रिजल्ट जारी करने के लिए निर्देश दिया जाए. 


जानिए कहा गया है दायर पिटीशन में
याचिका में कहा गया है, "3 जून 2024 को प्रतिवादी ने फाइनल आंसर-की जारी की, जिसमें यह पाया गया कि 'टेस्ट बुकलेट कोड आर5' की प्रश्न संख्या 29 के दो विकल्प 2 और 4 सही माने गए हैं, जबकि निर्देशों में यह कहा गया है कि केवल एक विकल्प सही हो सकता है." दायर पिटीशन में कहा गया है, "गलत सवाल के मामले में नंबर नहीं देना और सवाल के दो सही जवाब होने की स्थिति में अभ्यर्थियों को एक पर निशान लगाने के लिए मजबूर करना उस निर्देश के विपरीत है, जिसमें कहा गया है कि केवल एक आंसर सही होगा."


पिटीशन में यह दलील दी गई है कि इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान है और हर नंबर से सैकड़ों रैंक ऊपर-नीचे हो सकती हैं. इसमें कहा गया है कि अथॉरिटी द्वारा जारी किया गया रिजल्ट मनमाना और सोचे-विचारे बिना कई उम्मीदवारों को दिए गए अनफेयर एक्स्ट्रा पॉइंट्स पर आधारित है. 


याचिका में कहा गया, "फाइनल रिजल्ट जारी किए जाने के बाद यह पाया गया कि 67 अभ्यर्थियों को 720/720 अंक मिले हैं. हालांकि, साल 2024 से पहले तक अलग तस्वीर होती थी." अब इस मामले में सुनवाई अगले हफ्ते की जाएगी. 


(इनपुट- भाषा)