MNC Working Hour in India: इंडिया में एक आदमी हफ्ते में 48 घंटे, यानी लगभग साढ़े आठ से साढ़े नौ घंटे रोजाना, हफ्ते में पांच दिन काम कर सकता है, लेकिन दुनिया के कई देशों में काम के घंटे भारत से ज़्यादा हैं. सबसे ज़्यादा काम के घंटों वाले देशों में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सबसे ऊपर है, जहां कानूनी तौर पर हफ्ते में 52.5 घंटे काम करना पड़ता है. इसके अलावा, गाम्बिया में 50.8 घंटे और भूटान में 50.7 घंटे हफ्ते के काम के घंटे हैं. लेकिन, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे डेवलप कंट्रीज ने हफ्ते में 50 घंटे से कम काम के घंटे तय किए हैं.


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ब्रिटेन सरकार के मुताबिक, वहां कोई भी आदमी हफ्ते में औसतन 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं कर सकता. ये हिसाब आम तौर पर 17 हफ्तों का होता है. इसके अलावा, नाबालिग रोजाना 8 घंटे या हफ्ते में 40 घंटे से ज़्यादा काम नहीं कर सकते. अमेरिका में भी, फेयर लेबर स्टैंडर्ड्स एक्ट (FLSA) कहता है कि 168 घंटों में 40 घंटे से ज़्यादा काम करने पर ओवरटाइम माना जाएगा क्योंकि औसत अमेरिकी हफ्ते में 40 घंटे, यानी पांच दिन में आठ घंटे काम करता है. जर्मनी और दूसरे यूरोपीय देशों में भी इसी तरह का 48 घंटे का नियम है. इन देशों में ओवरटाइम के भी सख्त नियम हैं.


द इंडिनय एक्सप्रेस के मुताबिक इन देशों में, कुछ बड़ी मल्टिनेशनल कंपनियों (MNCs) के हेडक्वाटर भी उन्हीं काम के घंटों के नियमों का पालन करते हैं. उदाहरण के लिए, सैमसंग और सोनी जैसी कंपनियां हफ्ते में 45 घंटे काम करती हैं, जबकि इंटेल, सीमेंस, डेल, ऐप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, अल्फाबेट और कई अन्य कंपनियों का हफ्ता में 40 घंटे काम करने का नियम है.


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भारत में भी, ये कंपनियां आमतौर पर इसी तरह के काम के घंटों का पालन करती हैं. उदाहरण के लिए, सैमसंग सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आठ घंटे की शिफ्ट पर काम करता है, लेकिन कुछ दिनों में काम के घंटे 10-12 घंटे तक बढ़ सकते हैं.


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इसके अलावा IBM, पेपाल, अमेजन और नेटफिलिक्स जैसी कंपनियों में भी काम के घंटे 8 ही हैं. सबसे कम काम के घंटे ओरेकल में हैं. यहां हफ्ते मे 20 घंटे काम करना होता है. कंपनी में रोजाना जरूरत के मुताबिक 8 घंटे या इससे कम काम कर सकते हैं. 


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