UP Glocal University Case: उत्तर प्रदेश की ग्लोकल यूनिवर्सिटी (Glocal University) को जब्त किया जा चुका है. ऐसे में सबसे बड़ा संकट छात्रों के भविष्य पर मंडरा रहा है. ग्लोकल यूनिवर्सिटी इससे पहले भी कई बार विवादों में आ चुकी है. अब खनन माफिया हाजी इकबाल पर ईडी के एक्शन से यूनिवर्सिटी फिर विवादों में आ गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ग्लोकल विश्वविद्यालय में अलग-अलग कोर्सेस में लगभग 4 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इन छात्रों का नाम किसी और यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर किया जाएगा या उनका ये साल ही खराब हो जाएगा? जानिए इस पर डीम का क्या कहना है...


GU में सभी महत्वपूर्ण कोर्सेस होते हैं संचालित
ग्लोकल विश्वविद्यालय में इस समय बीबीए, एमबीए, बीसीए, एमसीए, एलएलबी, बीएएमएस, बीटेक, एमटेक, बीएससी और एमएससी कोर्स संचालित किए जाते हैं. इसके अलावा बी-फार्मा, डी-फार्मा, एम-फार्मा, बीए, एमए, एमबीबीएस और पीएचडी समेत अन्य कोर्स भी हैं. यूनिवर्सिटी में स्थानीय बच्चों के अलावा बाहर से आए स्टूडेंट्स भी पढ़ते हैं. फिलहाल यूनिवर्सिटी में ईडी की कार्रवाई के बाद अब यहां शैक्षणिक कार्य  पूरी तरह से स्थगित है. 


यूनिवर्सिटी जमीन और बिल्डिंग की कीमत
सहारनपुर में मिर्जापुर थाना क्षेत्र स्थित यह यूनिवर्सिटी 121 एकड़ में है. इसकी जमीन और बिल्डिंग की कीमत 4,440 करोड़ रुपये है. अब्दुल वाहिद एजुकेशनल व चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर है. अवैध खनन मामले में ED ने इसे कुर्क किया है. ED के सोशल मीडिया अकाइंट एक्स के मुताबिक यह ट्रस्ट पूर्व MLC मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार द्वारा मैनेज किया जाता है. 


दरअसल, पूर्व MLC मोहम्मद इकबाल (हाजी इकबाल) पर खनन के केस चल रहे हैं, जिसके चलते वह फरार है. मोहम्मद इकबाल के बेटे जेल में हैं. ED हाजी इकबाल की जमीन और मकान कुर्क कर चुकी है. अब ग्लोबल यूनिवर्सिटी बिल्डिंग को अटैच करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. 


छात्रों को नहीं होना पडे़गा परेशान: DM
इस मामले पर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कहा कि हाजी इकबाल यूपी के माफियाओं की श्रेणी में है, जिस पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. वहीं, यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों के लिए जो भी निर्देश प्राप्त होंगे, उन्हें अमल में लाया जाएगा. स्टूडेंट्स को किसी तरह से भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. कुलपति पीके भारती के अनुसार इस बात का आश्वासन दिया गया है कि सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा, क्योंकि ये हजारों छात्र-छात्राओं के भविष्य का सवाल है.