Pariksha Pe Charcha Question: परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में पीएम मोदी से स्टूडेंट ने पूछा कि हम एग्जाम प्रेशर से कैसे निपट सकते हैं? छात्रों के सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, यह सवाल पीपीसी के पिछले छह सीजन में भी पूछा गया है, लेकिन अलग-अलग सीजन में, इससे साबित होता है कि यह समस्या लगभग हर बैच में बनी हुई है. हमें खुद को इतना मजबूत बनाना होगा कि हम किसी भी तरह के दबाव से निपट सकें.' हमें रोना और हार नहीं मानना ​​चाहिए, बल्कि खुद को यह सब सहने के लिए तैयार करना चाहिए".


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यह कहते हुए कि दबाव दो प्रकार के होते हैं - पहला आत्म-दबाव है जिसमें हम जो प्लान बनाया है उसके बारे में बहुत ज्यादा कठोर हो जाते हैं और फिर उन टारगेट को पूरा करने में असमर्थ होने पर मानसिक रूप से थक जाते हैं, और दूसरे प्रकार का दबाव माता-पिता भाई-बहन और शिक्षक का होता है. कुछ माता-पिता बच्चों को समय पर उठने, ज्यादा पढ़ाई करने, ज्यादा फोकस करने आदि के लिए कहते रहते हैं.


यदि माता-पिता रूकते हैं, तो हो सकता है कि आपके बड़े भाई-बहन या टीचर ही बच्चों को डांटना शुरू कर दें. इससे स्टूडेंट्स पर भी काफी दबाव रहता है. प्रधानमंत्री ने परीक्षा के दौरान छात्रों के बीच दबाव से निपटने के तरीके शेयर करते हुए कहा कि इस समस्या पर परिवारों और शिक्षकों के बीच चर्चा करने की जरूरत है क्योंकि इसे केवल छात्रों द्वारा नहीं खत्म किया जा सकता है.


पीएम मोदी ने माता-पिता से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों की दूसरों से तुलना करना बंद करें


"कुछ परिवार डेली लाइफ के लेवल पर छोटे-छोटे चीजों में एक-दूसरे से तुलना करके भाई-बहनों के बीच भी कंपटीशन को जन्म देते हैं. मैं माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे अपने बच्चों की इस तरह से तुलना न करें क्योंकि यह एक अनहेल्दी कंपटीशन ला सकता है और उन्हें लंबे समय में एक-दूसरे से दूर कर सकता है." पीएम ने माता-पिता से आग्रह किया कि वे दोस्तों और भाई-बहनों के बीच ईर्ष्या को कम करने के लिए अपने बच्चों की दूसरों से तुलना करना बंद करें.