DU Admission: दिल्ली यूनिवर्सिटी से करनी है PhD? तो जान लीजिए किस आधार पर मिलेगा एडमिशन
PHD ADMISSION UGC NEW RULE: इस साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन पीएचडी के लिए कॉमन एंट्रेंस के आधार पर नहीं बल्कि नेट एग्जाम के 70 फीसदी नंबरों और इंटरव्यू के 30 फीसदी नंबरों के आधार पर होंगे.
DELHI UNIVERSITY PhD ADMISSION UGC NEW RULE: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पीएचडी एडमिशन के नियमों में संशोधन किया था, जिसमें कहा गया था कि कैंडिडेट्स को यूनिवर्सिटी में एंट्रेंस एग्जाम देने की जरूरत नहीं होगी. एकेडमिक ईयर 2024-25 से शुरू होकर, पीएचडी स्टूडेंट्स को उनके नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) के नंबरों के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा. 13 मार्च को आयोग की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी.
अभी हर यूनिवर्सिटी पीएचडी में एडमिशन के लिए कैंडिडेट्स का चयन करने के लिए अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा और मौखिक परीक्षा आयोजित करती है. लेकिन अब एडमिशन नेट के नंबरों के आधार पर होंगे.
इसी साल से होंगे नेट के आधार पर एडमिशन
दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह तय कर लिया है कि वह इसी साल जून में होने वाली नेट परीक्षा के आधार पर नए सेशन में पीएचडी में एडमिशन करेंगे. दिल्ली यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार डॉक्टर विकास गुप्ता ने कहा है कि यूजीसी के नए नियम को डीयू में इसी साल से डीयू पीएचडी एडमिशन के लिए यूजीसी की बताई गाइडलाइन्स को फॉलो करने जा रहा है. इसका मतलब है कि इस साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन पीएचडी के लिए कॉमन एंट्रेंस के आधार पर नहीं बल्कि नेट एग्जाम के 70 फीसदी नंबरों और इंटरव्यू के 30 फीसदी नंबरों के आधार पर होंगे.
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स्टूडेंट्स को क्या फायदा होगा
इससे स्टूडेंट्स को अलग-अलग यूनिवर्सिटी के लिए अलग-अलग पीएचडी एडमिशन के लिए एग्जाम नहीं देना पड़ेगा.
अलग-अलग फॉर्म भरने से खर्च होने वाले पैसे की भी बचत होगी.
डीयू में पिछले साल चार से सेंट्रल यूनिवर्सिटीज डीयू, जेएनयू, बीएचयू और अंबेडकर विश्वविद्यालय (लखनऊ) के पीएचडी कोर्स में एडमिशन के लिए होने वाले कामन एंट्रेंस टेस्ट से पीएचडी में एडमिशन देने की प्रक्रिया अपनाई गई थी.
डीयू में नेट और जेआरएफ पास स्टूडेंट्स पीएचडी में सीधे एडमिशन के लिए पहले भी आवेदन करते थे. कुछ सीटों पर नेट जेआरएफ से दाखिला दिया जाता था.
एंट्रेंस के बाद डीयू में पीएचडी में प्रवेश के लिए अलग-अलग विभागों ने स्वयं की प्रक्रिया अपनाई. हिंदी विभाग में साक्षात्कार के अंकों को पूरा महत्व दिया गया.
अर्थशास्त्र विभाग ने पारदर्शिता बरतने के लिए साक्षात्कार के साथ प्रजेंटेशन भी लिया. डीयू के एक प्रोफेसर ने बताया कि यूजीसी के नए नियम से छात्रों को फायदा होगा. डीयू में इस वर्ष पीएचडी प्रवेश में एकरूपता नहीं रही. नेट के जरिये प्रवेश के नियम से एकरूपता आ जाएगी.
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