Ashish Kumar Singhal Success Story: हर साल 10 लाख से ज्यादा युवा यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं. इस परीक्षा की कितनी कठिन होती है, इसका अंदाजा इसके नतीजों से लगाया जा सकता है. सिविल सेवा परीक्षा के तीनों राउंड्स को क्लियर करने के बाद लाखों में से करीब 1000 उम्मीदवारों को सिलेक्ट किया जाता है.


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जयपुर के आशीष सिंघल ने देश की दो सबसे कठिन परीक्षाएं में सफलता पाई हैं. पहले उन्होंने आईआईटी जेईई की परीक्षा पास की. इसके बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की. हालांकि, पढ़ाई में खूब होशियार होने के बावजूद भी सरकारी नौकरी का सपना पूरा करने के लिए यूपीएससी परीक्षा पास करने का उनका सफर बिल्कुल आसान नहीं था. 


UPSC के लिए छोड़ी नौकरी
आशीष आईआईटी खड़गपुर के गोल्ड मेडलिस्ट स्टूडेंट रह चुके हैं.  उन्होंने इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट में एमटेक की डिग्री ली है. इसके बाद साल भर गुरुग्राम में एक कंपनी में नौकरी की थी, लेकिन उनका मन नहीं लगा और शानदार पैकेज वाली नौकरी छोड़कर वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए जयपुर लौट आए. उन्होंने घर पर रहकर ही परीक्षा की तैयारी की. 


4 बार मिली निराशा
आशीष 2019 में अपने पहले प्रयास में मेंस नहीं निकाल पाए थे. साल 2020 में दूसरी बार प्रीलिम्स में भी असफल हो गए. तीसरा बार में वह फिर मेंस नहीं निकाल पाए. सिविल सर्विस परीक्षा में बार-बार मिलने वाली असफलता से उन्हें रिश्तेदार और दोस्त भी उन्हें ताने देने लगे थे, लेकिन उन्होंने पेरेंट्स के सपोर्ट से 2022 में अपना चौथा अटैम्प्ट दिया, लेकिन प्री निकालने से भी चूक गए.  अब तो लोग कहने लगे थे कि वह इस परीक्षा के लिए बने ही नहीं हैं और अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं, लेकिन आशीष ने हार नहीं मानी. 


इतनी असफलताओं के बाद बदली स्ट्रैटेजी
2022 में अपने चौथे अटैम्प्ट में असफल होने पर वह काफी निराश हुए थे. इसके बाद आशीष ने अपनी कमियों का आकंलन किया. इतने सेटबैक्स के बाद वह समझ गए थे कि उनकी स्ट्रैटेजी में ही कोई कमी है. उन्होंने अपनी अब तक की सभी गलतियों को सुधारते हुए एनसीईआरटी और सिलेबस के रिवीजन पर पूरा फोकस किया. आखिरकार 2023 में न केवल यूपीएससी क्रैक की, बल्कि 8वीं रैंक के साथ परीक्षा में सफलता हासिल की.