Narsing Jadhav Success Story: सफलता संसाधन के कहीं ज्यादा कड़ी मेहनत मांगती है. नरसिंह जाधव की कहानी इस बात को साबित करती है. नरसिंह ने कई चुनौतियों और आर्थिक समस्याओं का सामना करते हुए कड़ी मेहनत की है. उन्होंने उन युवाओं के लिए एक मिसाल पेश की है, जो गरीबी में जीवन जी रहे हैं, लेकिन बड़े सपने देखते हैं. एक दर्जी के बेटे ने बहुत कम समय में एक नहीं, बल्कि चार प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की है. हालांकि, यहां तक आकर भी वह अभी थमे नहीं है. नरसिंह क्लास 1 ऑफिसर बनने का अपना सपना पूरा करना चाहता है.


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नरसिंह के पिता विश्वनाथ जाधव पेशे से दर्जी हैं. एक गरीब पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाले महाराष्ट्र के लातूर जिले के निलंगा शहर के नरसिंह की यह कहानी हौसला और हिम्मत देती है, जिन्होंने 24 साल की छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी सफलता हासिल की. अपने पहले प्रयास में सिविल इंजीनियर असिस्टेंट परीक्षा पास करने के बाद नरसिंह परभणी जिले के सेलु में लोक निर्माण विभाग में सीईए की जिम्मेदारी संभाली. 


कहां से हुई है पढ़ाई-लिखाई? 
नरसिंग ने अपनी स्कूली शिक्षा महाराष्ट्र विद्यालय निलंगा से पूरी की. इसके बाद उन्होंने पूरनमल लाहोटी पॉलिटेक्निक कॉलेज लातूर में पढ़ाई की. फिर सिंहगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे से अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की.  उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा अपने चाचा डॉ सतीश जाधव से मिली. .


नरसिंह की अन्य उपलब्धियां
पालघर जिला परिषद (जेडपी) में जूनियर इंजीनियरों (ग्रुप 2) के लिए परीक्षा को क्रैक किया, इस परीक्षा में उन्होंने पहली रैंक हासिल की.
जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) में सीईए के लिए परीक्षा दी.
नरसिंग ने पालघर जिला परिषद में सीईए (ग्रुप 3) पद के लिए परीक्षा भी पास की, जिसका परिणाम हाल ही में घोषित किया गया.


बनना चाहते हैं क्लास 1 ऑफिसर
दरअसल, ये पद क्लास 1 (ग्रुप ए) ऑफिसर की कैटेगरी में नहीं आते हैं, इसलिए नरसिंग जाधव ने राजपत्रित अधिकारी बनने के लिए अपनी तैयारी जारी रखेंगे. वह अब ज्यादा से ज्यादा परीक्षाओं में बैठना चाहते हैं, ताकि क्लास वन ऑफिसर बनने के अपने सपने को पूरा कर सके.


नरसिंग जाधव ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "मैंने क्लास 1 ऑफिसर के रूप में एक पद हासिल करने की महत्वाकांक्षा के साथ अपनी यात्रा शुरू की और लगातार कड़ी मेहनत की. हालांकि मैं पीडब्ल्यूडी में सीईए के रूप में शामिल हो गया हूं, लेकिन मैं अपनी पढ़ाई नहीं रोकूंगा और क्लास बनने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयास करना जारी रखूंगा."


युवाओं के लिए बने आदर्श
कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद वह बेहतर की खोज में दृढ़ रहे और अपनी तैयारी करते रहे. प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्टता हासिल करने वाले नरसिंह जाधव इस दिनों राज्य युवाओं के लिए एक आदर्श बन गए हैं.