Pooja Khedkar: यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की प्रोविजनल रेकमेंडेड कैंडिडेट पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की प्रोविजनल उम्मीदवारी रद्द कर दी है और उन्हें भविष्य के सभी एग्जाम और सेलेक्शन से स्थायी रूप से वंचित कर दिया है.


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यूपीएससी ने कहा कि उसके पास हर साल उम्मीदवारों द्वारा जमा किए जाने वाले हजारों सर्टिफिकेट की सत्यता की जांच करने का न तो अधिकार है और न ही साधन. यूपीएससी ने एक बयान में कहा, "हालांकि, यह समझा जाता है कि सर्टिफिकेट की सत्यता की जांच और वेरिफिकेशन कार्य के लिए अधिकृत अधिकारियों द्वारा किया जाता है."


पूजा खेडकर मामले के बैक्ग्राउंड में, यूपीएससी ने साल 2009 से 2023 तक यानी 15 वर्षों के लिए सीएसई के 15,000 से अधिक रेकमेंडेड कैंडिडेट्स के उपलब्ध आंकड़ों की उनके द्वारा लिए गए प्रयासों की संख्या के संबंध में गहन जांच की है. इस विस्तृत अभ्यास के बाद, पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले को छोड़कर, किसी अन्य उम्मीदवार को सीएसई नियमों के तहत अनुमत संख्या से अधिक प्रयास करते नहीं पाया गया.


आयोग ने एक बयान में कहा, "सुश्री खेडकर के एकमात्र मामले में, यूपीएससी की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) मुख्य रूप से इस तथ्य के कारण उनके प्रयासों की संख्या का पता नहीं लगा सकी कि उन्होंने न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल दिया था. यूपीएससी एसओपी को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसा मामला दोबारा न हो."