UPSC Chairman Appointment Process: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के चेयरमैन मनोज सोनी ने इस्तीफा दे दिया है. मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 में पूरा होना था, लेकिन उन्होंने सेवा समाप्त होने के 5 साल पहले ही इस्तीफा दे दिया. वह साल 2017 में संघ लोक सेवा आयोग में बतौर मेंबर शामिल हुए थे. इसके बाद 16 मई 2023 में उन्हें यूपीएससी अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया था.


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मनोज सोनी ने ऐसे समय में अपने पद से इस्तीफा दिया, जब ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की नियुक्ति को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इतने बड़े पद पर किसी व्यक्ति को नियुक्त करने की क्या प्रक्रिया है. यूपीएससी का अध्यक्ष कैसे बनाया जाता है, क्या है UPSC Chairman के नियुक्ति की प्रक्रिया? जानिए यहां सबकुछ...


लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति संघ आयोग के मामले में राष्ट्रपति द्वारा और राज्य आयोग के मामले में उस राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है. 


राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं आयोग के सदस्य 
संविधान के अनुच्छेद 316(1) के अनुसार, आयोग में अध्यक्ष समेत 9 से 11 मेंबर्स का एक पैनल होता है. यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन और अन्य सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं.  इस पैनल के कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य (कार्यरत या अवकाशप्राप्त) होते हैं,  जिन्हें भारत या राज्य की सरकार के अंडर कम से कम 10 सालों का अनुभव प्राप्त हों. 


लोक सेवा आयोग का सदस्य अपने पद ग्रहण की तारीख से 6 साल की अवधि तक या संघ आयोग की दशा में 65 साल की आयु प्राप्त कर लेने तक और राज्य आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में 62 साल की आयु प्राप्त कर लेने तक इनमें से जो भी पहले हो, कार्यकाल के लिए अपने पद पर रहता है. 


अध्‍यक्ष पद खाली रहे तो कौन निभाता है जिम्मेदारी? 
अगर अध्‍यक्ष का पद खाली होता है या कोई अध्‍यक्ष जो किसी कारण से अपने पद के कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ है, ऐसे में जब तक सेक्शन (1) के अंडर कोई व्यक्ति उस पद पर नियुक्त नहीं होता या जब तक अध्‍यक्ष अपने कर्तव्यों को फिर से नहीं संभाल लेता है तब तक बाकी मेंबर्स में से ऐसा सदस्य, जिसे संघ आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में राष्ट्रपति और राज्य आयोग की दशा में उस राज्य का राज्यपाल इस प्रयोजन के लिए नियुक्त करे, उन कर्तव्यों का पालन करेगा. 


किसे दे सकते हैं इस्तीफा?
लोक सेवा आयोग का कोई सदस्य, संघ आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में राष्ट्रपति को और राज्य आयोग की दशा में राज्य के राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे सकता है.


भारतीय संविधान में दी गई प्रक्रिया के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा ही किसी मेंबर को उसके पद से हटाया जा सकता है. लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य को अनुच्छेद 317 के क्लॉज (1) या क्लॉज (3) में उपबंधित तरीके से उसके पद से हटाया जा सकेगा.


कोई सदस्य जो लोक सेवा आयोग के सदस्य के तौर पर अपॉइंट होता है, अपना कार्यकाल खत्म होने पर फिर से उस पद पर नियुक्ति पाने के पात्र नहीं होता.