UPSC Latest Newsकेंद्र सरकार ने बुधवार को पहली बार संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को रजिस्ट्रेशन के समय और परीक्षाओं और भर्ती के अलग अलग फेज के दौरान स्वैच्छिक आधार पर कैंडिडेट्स की पहचान वेरिफाई करने के लिए आधार-बेस्ड ऑथेंटिकेशन की इजाजत दे दी है. 


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यह कदम इसलिए जरूरी है क्योंकि आयोग ने पिछले महीने परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की प्रोविजनल उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और योग्यता से परे सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी से प्रयास करने के लिए उन पर भविष्य की सभी परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक लगा दी थी.


खेडकर पर अन्य आरोपों के अलावा दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया गया. कार्मिक मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि यूपीएससी को "वन टाइम रजिस्ट्रेशन' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय और परीक्षा/ भर्ती परीक्षा के अलग अलग फेज में कैंडिडेट्स की पहचान के वेरिफिकेशन के लिए स्वैच्छिक आधार पर आधार ऑथेंटिकेशन करने की अनुमति है, जिसके लिए हां/ नहीं या/ और ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन सुविधा का उपयोग किया जाएगा.



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कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने नोटिफिकेशन में कहा, "आधार (टारगेटेड फाइनेशियल और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का वितरण) अधिनियम, 2016 के सेक्शन 4 के उपखंड (4) के खंड (बी) के उपखंड (ii) के अनुसरण में, (जैसा कि संशोधित) नियम 5 के साथ पढ़ा गया, आधार वेरिफिकेशन के लिए गुड ग्रीवेंस (सोशल वेलफेयर, इनोवेशन, नॉलेज) नियम, 2020, केंद्र सरकार द्वारा ऑथराइज होने के बाद, यहां अधिसूचित किया जाता है कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को 'वन टाइम रजिस्ट्रेशन' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय और परीक्षा/ भर्ती परीक्षण के अलग अलग फेज चरणों में उम्मीदवारों की पहचान के वेरिफिकेशन के लिए स्वैच्छिक आधार पर आधार ऑथेंटिकेशन करने की अनुमति है, हां/ नहीं या/ और ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन सुविधा का उपयोग करते हुए."