IPS Navneet Anand Success Story: आपने अब तक कई सफलता की कहानियां पढ़ी होंगी, जिसके वास्तविक नायक-नायिकाओं ने कड़ी मेहनत के दम पर अपनी किस्मत ही बदल कर रख दी. आज जो कहानी हम आपके लिए लेकर आए हैं, वह भी बहुत मोटिवेशनल है. आईपीएस ऑफिसर नवनीत आनंद को बहुत ही छोटी से उम्र से कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. हालांकि, आज वह जिंदगी से सबसे बेहतर मुकाम पर है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें जो रास्ता तय करना पड़ा वो बहुत कठिन था. यहां जानिए उनके संघर्ष और सफलता की कहानी...


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परिवार की जिम्मेदारी और पढ़ाई
नवनीत आनंद ने राजस्थान और दिल्ली से अपनी पढ़ाई कंप्लीट की है. छोटी उम्र में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. बताया जाता है कि जब उनके पिता की मौत हुई तब नवनीत 7वीं क्लास में पढ़ते थे, लेकिन किस्मत को कोसकर रोने का उनके पास समय नहीं था, क्योंकि अबे परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उनके हिस्से आ गई थी. हालांकि, जिम्मेदारियों और पढ़ाई के बीच उन्होंने किसी एक को नहीं चुना, परिवार संभालते हुए अपनी स्टडीज पर भी पूरा फोकस किया.


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कर चुके कई एग्जाम क्वालिफाई
नवनीत ने 2010-2017 तक राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी, जहां के अनुशासन ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी. इसके बाद आनंद ने अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से सोशियोलॉजी में मास्टर्स भी किया. ग्रेजुएशन के दौरान ही नवनीत ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. पढ़ाई पूरी होते ही सरकारी नौकरी के लिए उनका सिलेक्शन भी हो गया. नवनीत यूपीएससी सीएपीएफ, सीडीएस और यूजीसी नेट जैसे एग्जाम्स भी निकाल चुके हैं. 


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निराशा को नहीं होने दिया खुद पर हावी 
नवनीत आनंद ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए किसी कोचिंग सेंटर का सहारा नहीं लिया. पिछले दो दो प्रयासों में विफल रहने के बाद उन्हें हर हाल में सफलता पाना ही था, जिसके लिए उन्होंने खूब मेहनत भी की. घर से दूर होने के कारण बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके जज्बे के आगे सबको हार माननी पड़ी और आखिरकार रूठी किस्मत को भी उनकी मेहनत के सामने हार मानना ही पड़ा. यूपीएससी परीक्षा 2023 में नवनीत ने अपना तीसरा अटैम्प्ट दिया, जिसमें उन्होंने 499वीं रैंक हासिल की है. उन्हें आईपीएस कैडर अलॉट मिला है.