PM Internship Scheme 2024 Portal: सरकार ने युवाओं को रोजगार के काबिल बनाने के मकसद पायलट बेसिस पर प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना शुरू कर दी है. स्कीम के तहत इंटर्नशिप के लिए चयनित युवाओं को 5,000 रुपये की मासिक मिलेंगे. इसके अलावा, उन्हें इंटर्नशिप ‘जॉइन’ करने को लेकर एकबारगी 6,000 रुपये की सहायता दी जाएगी. इंटर्नशिप 12 महीने के लिए होगी. सरकारी सूत्रों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 1.25 लाख इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है. इस पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

योजना के तहत पांच साल में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण देने का टारगेट है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार इंटर्नशिप प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना शुरू करेगी. इसके तहत पांच साल में एक करोड़ युवाओं को 500 टॉप कंपनियों में ट्रेनिंग का मौका दिया जाएगा.


उन्हें वास्तविक रूप से कारोबारी माहौल, अलग अलग बिजनेस फील्ड में 12 महीने कामकाज के गुर सीखने का मौका मिलेगा और साथ ही रोजगार के मौके मिलेंगे. सूत्रों के मुताबिक, "योजना को ऑनलाइन पोर्टल https://pminternship.mca.gov.in/ के जरिये लागू किया जाएगा. पोर्टल का कॉरपोरट कार्य मंत्रालय ने डेवलप किया है."


उन्होंने कहा कि पहले चरण में उम्मीदवार पोर्टल पर 12 से 25 अक्टूबर के बीच अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. आवेदनकर्ताओं को 26 अक्टूबर को फाइनल किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि कंपनियां उम्मीदवारों का चयन 27 अक्टूबर से सात नवंबर के दौरान करेंगी. उसके बाद चुने गये उम्मीदवारों के पास कंपनियों की इंटर्नशिप पेशकश स्वीकार करने के लिए आठ से 15 नवंबर तक का समय होगा. इंटर्नशिप दो दिसंबर से शुरू होगी और 12 महीने के लिए होगी.


इंटर्नशिप के लिए चयनित युवाओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा कवर दिया जाएगा. इसके लिए प्रीमियम का भुगतान सरकार करेगी. इसके अलावा, कंपनियां चयनित उम्मीदवार को अतिरिक्त दुर्घटना बीमा उपलब्ध करा सकती हैं. सूत्रों ने कहा कि पायलट परियोजना का पहला चरण दिसंबर के पहले सप्ताह में पूरी होने की उम्मीद है. उसके बाद इसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा. केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण का नियम इस योजना में भी लागू होगा.


प्रोजेक्ट के संचालन के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला स्वायत्त निकाय बीआईएसएजी-एन (भास्कराचार्य नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्पेश एप्लिकेशंस एंड जियो इंफॉर्मेटिक्स) के साथ भागीदारी की गई है. सूत्रों ने कहा कि पोर्टल के माध्यम से भागीदार कंपनियां इंटर्नशिप के मौके प्रदान कर सकती हैं. पायलट प्रोजेक्ट के लिए टॉप कंपनियों की पहचान पिछले तीन साल में उनके सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व) व्यय के औसत के आधार पर की गई है. कोई भी अन्य कंपनी/ बैंक/ वित्तीय संस्थान मंत्रालय की मंजूरी से इस योजना में हिस्सा ले सकते हैं.


ट्रेनी को हर महीने 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. कुल राशि में से 4,500 रुपये सरकार सीधे चयनित उम्मीदवार के बैंक खाते में डालेगी जबकि 500 रुपये कंपनी अपने सीएसआर कोष से भुगतान करेगी. योजना के तहत ट्रेनी की ट्रेनिंग से जुड़ा खर्च कंपनी अपने सीएसआर कोष से उठाएगी.


कौन कर सकता है आवेदन


सूत्रों ने कहा कि फुल टाइम नौकरी और पढ़ाई नहीं कर रहे 21 साल से 24 साल के युवा इसके लिए पोर्टल के जरिये आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन/ डिस्टेंस एजुकेशन प्रोग्राम से जुड़े उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र हैं. पात्रता मानदंड के बारे में सूत्रों ने कहा कि जिन उम्मीदवारों ने हाई स्कूल, उच्च माध्यमिक स्कूल से परीक्षा पास की है, आईटीआई का प्रमाण पत्र है, पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा है, या बीए, बी.एससी, बी.कॉम, बीसीए, बीबीए, बी.फार्मा जैसी डिग्री के साथ स्नातक हैं, वे इसके लिए पात्र होंगे. हालांकि, इसमें कुछ ऐसे मानदंड भी हैं, जिन्हें पूरा करने वाले योजना में शामिल नहीं हो पाएंगे.


कौन नहीं कर सकता आवेदन?


इसमें जिन उम्मीदवारों के परिवार में किसी सदस्य की सालाना आय 2023-24 में आठ लाख रुपये से अधिक थी, उन्हें योजना से बाहर रखने का प्रावधान शामिल है. सूत्रों ने बताया कि अबतक तीन कंपनियों ने 1,077 लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए पेशकश की है. ये कंपनियां हैं...अलेम्बिक फॉर्मास्युटिकल्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और मैक्स लाइफ इंश्योरेंस. योजना से जुड़ी भागीदार कंपनियों के पास पोर्टल पर एक अलग से 'डैशबोर्ड' होगा. वहां वे इंटर्नशिप के मौके, जगह, काम का स्वरूप, जरूरी योग्यता और प्रदान की जाने वाली किसी भी सुविधा की विवरण डाल सकते हैं. पात्र उम्मीदवार पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. वहां उनकी डिटेल का इस्तेमाल 'बायोडाटा' तैयार करने के लिए किया जाएगा.


2010 में IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग पर नहीं लिया प्लेसमेंट, अब कर रहे हैं ये काम


कैंडिडेट अपने पसंदीदा क्षेत्रों, भूमिकाओं और स्थानों के आधार पर इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं. मामले में कोई शिकायत आने पर संबंधित कंपनी का नोडल अधिकारी इसका निपटान करेगा. जबकि कॉरपोरेट वर्क  मंत्रालय योजना पर नजर रखेगा.


Shastriya Bhasha: पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिला है. कैसे मिलता है ये स्टटेस; क्या हैं फायदे?


इनपुट आईएएनएस से