Chandrashekhar Singh Patna DM: डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह 2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव भी रह चुके हैं. वो बिहार कैडर के आईएएस अफसर हैं. चंद्रशेखर सिंह को जनवरी 2021 में भी पटना के जिलाधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उससे पहले वो मुजफ्फरपुर के डीएम रहे. चंद्रशेखर सिंह जब से पटना के डीएम बने लगातार अपने फैसलों को लेकर चर्चा में रहे हैं. वो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर बेहद एक्टिव रहते हैं. पटना प्रशासन की ओर से उठाए जाने वाले कदमों को वो एक्स के जरिए सबके सामने पेश करते रहते हैं.


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बिहार की राजधानी पटना में जिला प्रशासन ने रविवार को कहा कि जिले में किसी भी इमारत के बेसमेंट में चलने वाले कोचिंग सेंटर को तुरंत सील कर दिया जाएगा. दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण सिविल सेवा परीक्षा के तीन उम्मीदवारों की मौत के बाद से पटना शहर में जिला प्रशासन द्वारा कोचिंग संस्थानों के शुरू किए गए निरीक्षण अभियान के बीच पटना के जिलाधिकारी (डीएम) चंद्रशेखर सिंह ने यह भी कहा कि अभी तक यहां कोई भी कोचिंग सेंटर बेसमेंट से चलता हुआ नहीं पाया गया है. 


जिलाधिकारी ने कहा, "जिला प्रशासन के अधिकारियों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे उन कोचिंग संस्थानों को तुरंत सील करें जो बेसमेंट से चल रहे हैं. यह कोचिंग संस्थान चलाने के मौजूदा मानदंडों का उल्लंघन है. हालांकि, अभी तक कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करने वाले अधिकारियों को राज्य की राजधानी में एक भी ऐसा संस्थान नहीं मिला है, जो बेसमेंट से चल रहा हो." 


पटना में मौजूदा समय में चल रहे कोचिंग संस्थानों के बारे में सिंह ने कहा, "जिला प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों को नियमों का पूरी तरह से पालन करने के लिए एक महीने का समय दिया है. उन्हें जिले में कोचिंग संस्थान चलाने के लिए जरूरी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करना होगा. एक महीने के बाद मौजूदा प्रावधानों का पालन करने में विफल रहने वाले केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी." 


उन्होंने कहा, "जिला प्रशासन को अब तक (पिछले छह दिनों में) पटना में लगभग 1100 कोचिंग संस्थानों से रजिस्ट्रेशन/रिनुअल के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं. उनके आवेदन प्रक्रियाधीन हैं. जिला प्रशासन ने जिले में कोचिंग संस्थानों को सभी जरूरी मंजूरी/अनुमति के लिए 'सिंगल विंडो क्लीयरेंस' की एक ऑनलाइन सिस्टम शुरू करने का भी फैसला किया है. इसके लिए कुछ दिनों के भीतर एक पोर्टल लॉन्च किया जाएगा." 


डीएम ने कहा कि अधिकारियों द्वारा कोचिंग संस्थानों के चल रहे निरीक्षण से पता चला है कि उनमें से क्षमता से ज्यादा छात्र हैं और वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे कोचिंग संस्थानों को साफ रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कक्षा/ बैच के दौरान हर छात्र के लिए न्यूनतम एक वर्ग मीटर की जगह का आवंटन किया जाए और नामांकित स्टूडेंट्स की संख्या के अनुपात में पर्याप्त बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए.


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डीएम ने कहा, "उन्हें (कोचिंग संस्थानों के मालिकों को) यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि मौजूदा प्रावधानों के तहत निर्दिष्ट प्रत्येक कक्षा में एक एंट्री और एक एग्जिट गेट होना चाहिए. हम छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं...हम जिले में कोचिंग संस्थानों में कोई दहशत की स्थिति नहीं चाहते हैं. जो कदम उठाए जा रहे हैं वे निवारक उपाय हैं." बिहार की राजधानी पटना जहां दूर-दूर से लड़के और लड़कियां इंजीनियरिंग, मेडिकल और सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रवेश पाने की इच्छा से आते हैं, को राज्य के 'कोचिंग हब' के रूप में देखा जाता है.


इनपुट भाषा से


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