How to Become ED Officer: प्रवर्तन निदेशालय, जिसे आमतौर पर 'ईडी' (ED) के नाम से जाना जाता है. यह पिछले कुछ समय में काफी सुर्खियों में है. दरअसल, ईडी एक घरेलू कानून प्रवर्तन एजेंसी और आर्थिक खुफिया एजेंसी है, जो भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराधों से लड़ने के लिए जिम्मेदार है. यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत राजस्व विभाग का हिस्सा है.


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कैसे बनें ईडी ऑफिसर? 


प्रवर्तन निदेशालय में भर्ती मुख्य रूप से कर्मचारी चयन आयोग कम्बाइंड ग्रेजुएशन लेवल (SSC CGL) परीक्षा के माध्यम से की जाती है.


क्या है एलिजिबिलिटी?


प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) में अधिकारी बनने के लिए आपको सबसे पहले कुछ शर्तों को पूरा करना होगा. सबसे पहले शैक्षणिक योग्यता की बात करें, तो इस पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार के पास ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. साथ ही उम्मीदवार की आयु सीमा आम तौर पर 21 से 30 वर्ष के बीच होना अनिवार्य है. इसके अलावा, इस प्रतिष्ठित पद के लिए कॉम्पिटिशन करने के लिए, इच्छुक उम्मीदवारों को एक कॉम्पिटिटिव लिखित परीक्षा पास करनी होगी और, कुछ मामलों में, मेडिकल और फिजिकल फिटनेस टेस्ट भी पास करना होगा.


ईडी ऑफिसर की जॉब प्रोफाइल


प्रवर्तन निदेशालय और राजस्व विभाग में शामिल होने पर, सहायक प्रवर्तन अधिकारी (Assistant Enforcement Officers) अपेक्षित सिद्धांतों और कार्य नैतिकता से परिचित होने के लिए एक व्यापक ट्रेनिंग प्रोग्राम से गुजरते हैं. यह ट्रेनिंग अवधि उम्मीदवारों को एईओ (AEO) की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आवश्यक स्किल और नॉलेज से लैस करती है.


एक सहायक प्रवर्तन अधिकारी के मुख्य कर्तव्यों में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) और फॉरन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) से संबंधित कानूनों को लागू करना शामिल है. इन कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है, और इनका उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को कानूनी परिणाम भुगतने होते हैं. संदिग्ध कदाचार के मामलों में एईओ संदिग्ध व्यक्तियों, वाहनों और परिसरों पर तलाशी लेने के लिए भी अधिकृत हैं.


इसके अतिरिक्त, उनके पास अवैध मुद्रा रखने या निर्धारित सीमा से अधिक मुद्रा रखने को रोकने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर छापेमारी करने का अधिकार है. अपने सीनियर्स के मार्गदर्शन में काम करते हुए, सहायक प्रवर्तन अधिकारी तलाशी अभियान, जब्ती मेमो तैयार करने, बयान दर्ज करने और शिकायत का मसौदा तैयार करने सहित विभिन्न अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं.


उन्हें फेमा के तहत न्यायनिर्णयन आदेशों का मसौदा तैयार करने के साथ-साथ अनंतिम कुर्की आदेश, मूल शिकायतें और अभियोजन शिकायतों का काम सौंपा जाता है. यह बहुआयामी भूमिका प्रासंगिक नियमों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए डिटेल्स पर ध्यान देने, कानूनी प्रोटोकॉल का पालन करने और सीनियर अधिकारियों के साथ प्रभावी सहयोग की मांग करता है.


वेतन एवं भत्ते


सहायक प्रवर्तन अधिकारी (AEO) को वेतन 7वें वेतन आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक दिया जाता है. ग्रेड पे लेवल 7 पर स्थित, निर्धारित वेतनमान 44,900 रुपये से लेकर 1,42,400 रुपये तक है. मासिक वेतन में बेसिक पे 44,900 के साथ महंगाई भत्ता (15,266 रुपये), मकान किराया भत्ता (12,123 रुपये), यात्रा भत्ता (4,800 रुपये), और विशेष प्रोत्साहन भत्ता (20%, 8,980 रुपये) शामिल है. इसका समापन 86,492 रुपये के सकल वेतन में होता है. राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS), केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS), और केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (CGEGIS) में योगदान सहित कटौती, राशि 7,315 रुपये है. इसलिए, AEO की इन हैंड सैलरी 72,000 रुपये होती है.