फर्जी नौकरी का रैकेट: पहले नौकरी का विज्ञापन फिर व्हॉट्सऐप पर इंटरव्यू की डिटेल, इस बहाने से लेते थे रुपये
Fake Job in Delhi: संदिग्धों ने इंटरनेट पर विज्ञापन दिया और आवेदन प्राप्त होने पर, नौकरी के इच्छुक व्यक्ति को व्हाट्सऐप के माध्यम से मीटिंग और इंटरव्यू की डिटेल भेजीं.
Delhi Police: दिल्ली पुलिस ने ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के मयूर विहार में चल रहे एक फर्जी जॉब रैकेट का भंडाफोड़ करने और एक संदिग्ध को गिरफ्तार करने का दावा किया है. एमबीए और एमकॉम ग्रेजुएट्स वाला यह गिरोह आचार्य निकेतन में एक ऑफिस चलाता था, जहां वे नौकरी चाहने वालों को इंटरव्यू के लिए बुलाते थे और अलग-अलग बहाने से पैसे लेते थे.
संदिग्धों ने इंटरनेट पर विज्ञापन दिया और आवेदन प्राप्त होने पर, नौकरी के इच्छुक व्यक्ति को व्हाट्सऐप के माध्यम से मीटिंग और इंटरव्यू की डिटेल भेजीं.
इस संबंध में तैमूर नगर निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई. शिकायतकर्ता ने कहा कि ऑनलाइन नौकरी खोजते समय, उसने एक पोर्टल पर अपना बायोडाटा और डिटेल अपलोड कीं. इसके बाद, उन्हें एक अज्ञात नंबर से एक व्हाट्सऐप मैसेज मिला, जिसमें खुद को रिक्रूटर बताते हुए आचार्य निकेतन, मयूर विहार फेज-1 स्थित एक ऑफिस में इंटरव्यू के लिए कहा गया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पीड़ित उस इंटरव्यू में उपस्थित हुआ और कथित रिक्रूटर द्वारा मांगे गए अपने डॉक्यूमेंट्स जमा किए. इसके बाद घोटालेबाजों ने 9000 रुपये के एडवांस पे करने की मांग की और बाद में वापस करने का वादा किया. पुलिस ने कहा कि उनके आश्वासन से धोखा खाकर शिकायतकर्ता ने रकम का भुगतान कर दिया.
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पूर्व) अचिन गर्ग ने कहा, "हालांकि, न तो उन्हें कोई नौकरी का ऑफर मिला और न ही उनके पैसे वापस किए गए. बातचीत की धोखाधड़ी की प्रकृति को महसूस करते हुए, उन्होंने एक औपचारिक शिकायत दर्ज की."
छापेमारी के दौरान पुलिस टीम को ऑफिस में पांच लोगों के अलावा तीन नौकरीपेशा लोग मिले. गर्ग ने कहा, "हमने फर्जी सेंटर चलाने के आरोप में राजस्थान के मूल निवासी सचिन यादव (25) को गिरफ्तार किया है." गर्ग ने कहा कि जीनियस (23), सचिन पंवार (30), चारू (38) और सोनिया दहिया (40) को निर्देश दिया गया है कि जब भी जांच में शामिल होने के लिए कहा जाए तो वे जांच अधिकारी के सामने उपस्थित हों.
पुलिस ने कहा कि चारू और दहिया एमबीए और एमकॉम ग्रेजुएट्स हैं, मामले में अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं.