SDM Success Story: एक कहावत आपने सुनी होगी कि,"मंजिलें उन्हे मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है" बहराइच के DM के ड्राइवर जवाहर लाल मौर्या पर ये लाइन एकदम फिट बैठती हैं. जिनके बुलंद हौंसले ने अपने दोनो बेटों को सफलता की उस ऊंचाई पर पहुंचाया है जिसकी शायद ही कोई कल्पना करता हो.


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अपने बच्चों की सफलता की कहानी बताते हुए भावुक हुए ड्राइवर जवाहर लाल मौर्य कहते हैं "मेरी पत्नी का मेरे बेटों की सफलता में बहुत बड़ा योगदान रहा है लेकिन आज वो इस खुशी को देखने के लिए मौजूद नहीं हैं. मैं तो DM साहब का ड्राइवर हूं पूरा समय ड्यूटी पर रहता हूं लेकिन मेरी पत्नी बच्चों को सबसे ज्यादा समय देती थीं उन्हें गाइड करती थीं लेकिन शायद उनकी किस्मत में ये खुशी देखना नहीं था. 5 साल पहले उनकी मौत हो चुकी है लेकिन ये सब उन्हीं की प्रेरणा से संभव हो सका है."


जवाहर लाल मौर्य बताते हैं कि 35 साल की अपनी नौकरी में साहब के साथ रहते हुए अपने बच्चों को भी वैसा ही बनने की प्रेरणा देता रहा और मेरे बेटों ने भी उसी तरह पढ़ाई की और आज छोटा बेटा SDM बन गया है. जवाहर लाल के छोटे बेटे, कल्याण सिंह मौर्या ने UPPCS 2021 में 40वां रैंक हासिल की.


कल्याण सिंह की शुरुआती पढ़ाई बहराइच के नानपारा में हुई. 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से उन्होंने केमिस्ट्री में MSc की. UPSC 2021 में इंटरव्यू राउंड में कल्याण सिंह का सिर्फ 5 नंबर कम होने की वजह से सेलेक्शन नहीं हुआ. लेकिन UP PCS परीक्षा में उन्होंने झंडे गाड़ दिए. फिलहाल वो सोलापुर, महाराष्ट्र के एनटीपीसी में काम कर रहे हैं.


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