ट्रेन के इंजन के आगे अल्फाबेट्स में लिखते है यूनिक कोड, आप जानते हैं मतलब और इसके पीछे की असल वजह?
Indian Railway: रेलवे हमेशा ही अपने यात्रियों की यात्रा को सुखद बनाने और उनकी सुविधाओं को लेकर फिक्रमंद रहती है. त्योहारों के सीजन में तो बहुत बड़ी आबादी को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक पहुंचाने की जिम्मेदारी रेलवे की होती है. यहां जानिए इससे जुड़े कुछ फैक्ट्स
Indian Railway Amazing Facts: रेलवे हमारे देश के सबसे बड़े विभागों में से एक है. देश की बड़ी आजादी रोजाना रेलवे से सफर करती है. आपने कभी न कभी तो यह गौर किया ही होगा की ट्रेन के इंजन पर एक यूनिक कोड लिखा होता है, जो अल्फाबेट्स में लिखा जाता है, क्या आपने कभी जानना चाहा कि क्यों इस तरह से ट्रेन के हर इंजन पर यह कोड लिखा जाता है और इसका मतलब क्या होता है? आइए जानते हैं कि आखिर इसके पीछे की क्या वजह होती है...
तीन तरह की होती है रेलवे लाइन
रेलवे में हर एक अल्फाबेट और नंबर की कोई न कोई खास मलतब होता. इसके बारे में जानने से पहले आपको बता दें कि हमारे देश में तीन तरह की रेलवे लाइन होती हैं, जिनमें बड़ी लाइन, छोटी लाइन और सकरी लाइन शामिल हैं. रेलवे की भाषा में बड़ी लाइन को ब्रॉड गेज, छोटी लाइन को मीटर गेज और सकरी लाइन को नैरो गेज नाम दिए गए हैं. नैरो गेज लाइन अक्सर पहाड़ी इलाकों में देखने को मिलती है.
अल्फाबेट्स कोड का मतलब
रेलवे में बड़ी लाइन यानी कि ब्रॉड गेज के लिए W, छोटी लाइन यानी कि मीटर गेज के लिए Y और सकरी लाइन की नैरो गेज के लिए Z कोड दिया गया है. रेल इंजन के आगे इन तीनों अल्फाबेट्स में से कोई भी कोड नजर आता है तो आपके लिए यह समझ आसान हो जाएगा कि यह किस रूट का इंजन है. वहीं, अगर A लिखा गया है तो यह इलेक्ट्रिसिटी पावर से चलने वाला इंजन है, जबकि अल्फाबेट का यूज डीजल इंजन के लिए किया जाता है.
ये भी जानें
इसके अलावा ट्रेन में P, M, G और S जैसे अल्फाबेट भी होते हैं, जिसमें P अल्फाबेट का इस्तेमाल पैसेंजर के लिए, G मालगाड़ी के लिए और M का यूज पैसेंजर और मालगाड़ी दोनों के लिए इस्तेमाल होता है.