कौन से देश के लोग रखते हैं UPSC परीक्षा देने की योग्यता, भारत में IAS बनने के लिए किन विदेशियों को है इजाजत?
UPSC CSE: कड़ी मेहनत करके यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार IAS और IPS ऑफिसर के पद हासिल करते हैं. ये देश की सबसे मुश्किल परीक्षा है. जानें विदेशियों को इसमें बैठने की इजाजत है या नहीं...
UPSC CSE Eligibility Nationality: आईएएस ऑफिसर का पद देश की सबसे ऊंची और प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी में से एक है. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए ऑफिसर बनने के लिए पहली शर्त है कि एस्पिरेंट को भारत का नागरिक होना चाहिए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के अलावा और किस देश के नागरिक इस परीक्षा में हिस्सा ले सकते हैं. आइए जानते हैं इससे जुड़ी तमाम जरूरी बातें...
विदेशियों को परीक्षा को देने है इजाजत
हालांकि, भारतीय मूल का व्यक्ति हो या 1 जनवरी 1962 से पहले भारत में बसा नेपाल, भूटान या तिब्बत के नागरिक यूपीएससी की परीक्षा दे सकते हैं. इसके अलावा भारतीय मूल का व्यक्ति जो पाकिस्तान, बर्मा, श्रीलंका, पूर्वी अफ्रीकी देशों केन्या, युगांडा, संयुक्त गणराज्य तंजानिया, जाम्बिया, मलावी, इथियोपिया, ज़ैरे और वियतनाम से भारत में स्थायी रूप से बसने का इरादा लेकर आया है, वो भी इस परीक्षा को देने के लिए एलिजिबल है.
आईएएस पद के लिए भारतीय होना जरूरी
यूपीएससी सीएसई पास करने के बाद भारतीय नागरिकों को IAS, IPS, IFS पदों पर नियुक्तियां दी जाती हैं. अन्य देशों के नागरिकों को यूपीएससी एग्जाम पास करने के बाद मिलने वाले अन्य पदों के लिए चुना जाता है. इस परीक्षा के लिए अलग-अलग देशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोग भी फॉर्म भर सकते हैं, लेकिन पास होने पर उन्हें पद कुछ तय नियमों के मुताबिक दिया जाता है.
'ग्रुप ए' पर नहीं मिलती पोस्टिंग
इस परीक्षा को दूसरे देश के नागरिक देने के लिए एलिजिबल हैं, लेकिन अन्य देशों के नागरिकों को 'ग्रुप ए' सर्विस के तहत मिलने वाले पद नहीं दिए जाते. यूपीपीएससी सीएसई के एलिजिबिलिटी नियमों के मुताबिक, आईएएस और आईपीएस यानी ग्रेड A सर्विस के लिए भारतीय नागरिक ही एलिजिबल है.
यूपीएसी सिविल सेवा परीक्षा देने के लिए एलिजिबल
नेपाल के नागरिक यूपीएससी की परीक्षा दे सकते हैं, इन्हें इस टर्म में नेपाली नागरिक नहीं, बल्कि सब्जेक्ट ऑफ नेपाल कहा जाता है. इसी तरह भूटान के नागरिक (सब्जेक्ट ऑफ भूटान) भी यूपीएससी परीक्षा दे सकते हैं. इस परीक्षा में शामिल होने वाले अन्य देशों के नागरियों को सिटीजन की बजाय सब्जेक्ट लिखने का यह अर्थ है कि भारत का संविधान, इन देशों के लोगों को यहां की सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई करने की मंजूरी देता है.