DM Indra Vikram Singh: डीम बनने का सपना तो हर यूपीएससी देने वाले कैंडिडेट का होता है, लेकिन डीएम बनने के बाद पावर के साथ साथ जिम्मेदरियां भी आती हैं और जिले में होने वाले हर अच्छे-बुरे का की जिम्मेदारी जिलाधिकारी की ही होती है. आज हम बात कर रहे हैं अलीगढ़ के डीएम इंद्र विक्रम सिंह की जिन्होंने एक सचिव को ऑन द स्पॉट सस्पेंड कर दिया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डीएम इंद्र विक्रम सिंह का अलीगढ़ से पुराना नाता है. यह सफर साल 2000 में शुरू हुआ था तब विक्रम सिंह अलीगढ़ की कोल, अतरौली और इगलास तहसील के एसडीएम हुआ करते थे. इसके बाद उन्हें साल 2008 में अलीगढ़ में ही एडीएम वित्त एवं राजस्व बनाया गया और फिर एडीएम सिटी भी रहे. अपने काम को लेकर चर्चा में रहने वाले अफसर साल 2011 में अलीगढ़ डिवेलपमेंट ऑथरिटी के सचिव बने. इंद्र विक्रम सिंह को पीसीएस से आईएएस में प्रमोट कर दिया गया. इंद्र विक्रम ने अपनी ग्रेजुएशन लेवल की पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के एग्जाम की तैयारी शुरू की. वह उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले है. 


अलीगढ़ के ज़िलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह अपनी सादगी के साथ काम करने के लिए भी अकसर चर्चा में रहते हैं. वह बीच बीच में अपने जिले में सरकारी ऑफिसों में औचक निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं. लोग उनके वर्किंग स्टाइल के कायल हैं. हाल ही में डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने जनता दर्शन में प्राप्त शिकायत का संज्ञान लिया. उसमें कुछ गड़बड़ियां मिलीं. इसमें डडार समिति की सचिव रेखदत्त शर्मा को सस्पेंड कर दिया, साथ ही उर्वरक विक्रय लाइसेंस को भी निलंबित कर दिया है.


एक किसान ने डीएम से फोन पर शिकायत की कि पिछले 10 साल से समिति के सचिव काम नहीं देखा जा रहा है. इसके बाद फिर शिकायत की गई कि निर्धारित दर से ज्यादा कीमत पर यूरिया उर्वरक का बैग सेल किया जा रहा है. मामले में सबूत के लिए वीडियो भी भेजा. इस पर डीएम ने कहा कि किसानों के हित एवं अनियमितता की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दोषी व्यक्ति चाहे कितनी ही पहुंच वाला क्यों न हो, कठोर दण्ड दिया जाएगा.


नई नौकरी की तलाश में हैं तो तुरंत क्लिक करें


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं