IAS Story: शादी के महज 15 दिन बाद पति छोड़कर चला गया था विदेश, जानिए स्कूल टीचर से आईएएस बनी महिला अफसर की कहानी
Komal Ganatra Biography in Hindi: शादी में हो जाने के बाद, कोमल ने सब ठीक करने की हर संभव कोशिश की, इसके बाद अपने पैतृक घर वापस जाने का फैसला किया. हालांकि, आर्थिक रूप से स्थिर न होना कोमल के लिए एक बहुत बड़ी असुरक्षा थी.
UPSC Success Story of Komal Ganatra: कोमल गनात्रा गुजरात से 2012 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाली एकमात्र चयनित महिला उम्मीदवार थीं, लेकिन उनका सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा. असफल वैवाहिक जीवन और समाज के ताने को नजरअंदाज करते हुए कोमल ने खुद को सशक्त बनाने का फैसला किया और 2012 में चौथे प्रयास के बाद IAS अधिकारी बन गईं. उनकी कहानी हर महिला के लिए एक प्रेरणा है और हर महिला को जीवन में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित करती है.
IAS Komal Ganatra success story
गुजरात की रहने वाली आईएएस कोमल गनात्रा अपने माता-पिता और 2 छोटे भाइयों के साथ रहती थीं. उनके पिता स्कूल में पढ़ाते हैं और उनकी मां एक हाउस वाइफ हैं. कोमल ने शेयर किया कि उनके पिता ने हमेशा उन्हें जीवन में कुछ करने के लिए प्रोत्साहित किया और चाहते थे कि कोमल एक आईएएस अधिकारी बने. कोमल बचपन से ही पढ़ाई में काफी होनहार थी.
आईएएस कोमल गनात्रा ने 26 साल की उम्र में 2008 में न्यूजीलैंड के एक एनआरआई से शादी की, और उस समय, वह स्टेट पीसीएस के साथ यूएसपीसी की तैयारी कर रही थी, और सौभाग्य से गुजरात पीसीएस मेन्स पास कर लिया, हालांकि, उनके पति नहीं चाहते थे कि कोमल गुजरात सिविल सेवा के इंटरव्यू के लिए उपस्थित हों. शादी के ठीक 15 दिन बाद, आईएएस कोमल गनात्रा के पति वापस न्यूजीलैंड लौट गए, और वहां से कभी वापस कोमल के पास नहीं गए.
ऐसे किया यूपीएससी देने का फैसला
शादी में हो जाने के बाद, कोमल ने सब ठीक करने की हर संभव कोशिश की, इसके बाद अपने पैतृक घर वापस जाने का फैसला किया. हालांकि, आर्थिक रूप से स्थिर न होना कोमल के लिए एक बहुत बड़ी असुरक्षा थी, जिसकी उन्हें चिंता थी, और फिर, इससे छुटकारा पाने के लिए कोमल ने अपने पिता द्वारा सिखाई गई बातों का पालन किया, और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का फैसला किया.
कोमल गनात्रा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए अपने पैतृक घर से 40 किमी दूर एक गांव में रहने का फैसला किया. वह वहां एक प्राइमरी टीचर के रूप में काम करती थी. जबकि, अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट की कोचिंग लेने के लिए, कोमल अहमदाबाद में 150 किमी की यात्रा करती थी, क्योंकि वह जिस गांव में रहती थी, उसमें बुनियादी इंटरनेट सुविधाओं का भी अभाव था. चार अटेंप्ट और कठिन यात्रा के बाद आखिरकार कोमल ने 2012 में UPSC क्लियर एग्जाम क्लीयर किया. इस एग्जाम में उन्हें 591 रैंक आई थी.
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