IAS Motivational Story: देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा मानी जाती है. हर साल इस परीक्षा में लाखों की संख्या में कैंडिडेट्स शामिल होते हैं, जिसके चलते इस परीक्षा में कॉम्पिटिशन और भी बढ़ जाता है. इसलिए यहां जल्द सफलता पाने के लिए बेहतर तैयारी करने की जरूरत होती है, लेकिन कई अभ्यर्थियों का सिलेक्‍शन दो से चार अटेम्प्ट में होता है. ऐसे उम्‍मीदवार परीक्षा की तैयारी करने वाले अन्य अभ्यर्थियों के लिए नजीर बन जाते हैं. इसी तरह आज हम आपको बताएंगे आईएएस कुमार अनुराग  (Kumar Anurag) के बारे में, जिन्होंने खास प्‍लानिंग के साथ सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की. ये रणनीति खासतौर से उन लोगों के लिए ज्‍यादा फायदेमंद साबित होगी, जो इस समय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के बारे में सोच रहे हैं.


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नहीं लगता था पढ़ाई में मन


आपको बता दें कि अनुराग बिहार के कटिहार जिले से ताल्लुक रखते हैं. उन्‍होंने 8वीं तक की पढ़ाई हिंदी माध्‍यम से की है, उसके बाद उन्‍होंने अंग्रेजी माध्‍यम में प्रवेश ले लिया और इस वजह से उन्हें पढ़ाई में काफी दिक्कतें भी आईं. फिर भी उन्होंने पूरे मन से पढ़ाई करके कक्षा 10वीं और 12वीं में अच्छे नंबर प्राप्‍त किए. इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए. अनुराग की जिंदगी का यह दौर ऐसा था, जब उनका मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता था. इसी वजह से वे ग्रेजुएशन में कई सब्जेक्ट में फेल होते रहे फिर उन्होंने किसी तरह से ग्रेजुएशन कर लिया और पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन ले लिया.


फिर लगातार 2 बार पास की UPSC एग्‍जाम 


आपको जानकर हैरान हो सकते हैं अनुराग ने लगातार दो बार यूपीएससी एग्‍जाम पास की थी. उन्‍होंने पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान यूपीएससी परीक्षा के तैयारी करना शुरू की. पोस्‍ट ग्रेजुएशन के बाद उन्‍होंने पूरे समर्पण और मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दी. अनुराग ने यूपीएससी की परीक्षा दोनों ही प्रयास में पास की ली थी, लेकिन पहले प्रयास में उन्हें IAS सर्विस नहीं मिल पाई थी. इसी वजह से उन्‍होंने एक बार फिर तैयारी की और अगले साल उनकी इच्‍छा पूरी हो गई. उन्‍होंने ऑल इंडिया रैंक 48 हासिल की. इस तरह कुमार अनुराग दो बार के प्रयास में आईएएस बन गए.  


इस सलाह को जरूर मानें 


अगर आप भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं तो आईएएस अनुराग का कहना है कि आप अपने पिछले एजुकेशन बैकग्राउंड को छोड़ दें और नए सिरे से शुरुआत करें. आप परीक्षा में जीरो से शुरू करके भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं. वे खुद इस बात का उदाहरण हैं. उनके अनुसार इस परीक्षा में जल्दबाजी बिल्‍कुल नहीं दिखानी चाहिए और एक-एक विषय को बेहद गहराई के साथ पढ़ना चाहिए. इस तरह कड़ी मेहनत और बेहतर रणनीति बनाकर पढ़ाई करना ही सफलता का मूल मंत्र है. 


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