Indian Railway: ट्रेन की छत पर लगे होते हैं ये गोल ढक्कन? न होने पर जा सकती है जान!
Indian Railway facts: एक ओर जहां ट्रेनों की छतों पर ये ढक्कन लगे होते हैं, तो वहीं कोच के भीतर छत पर एक जाली लगी होती है. कुछ ट्रेनों के कोच के भीतर जाली होती है तो वहीं कुछ के अंदर छेद होते हैं.
Indian Railway Time Table: इंडियन रेलवे को आम लोगों की लाइफलाइन माना जाता है क्योंकि देश में यात्रा का इससे सस्ता और अच्छा साधन नहीं है. आप हजारों किलोमीटर की यात्रा चंद रुपये में कर सकते हैं. लेकिन इसके बारे में भी कुछ इंट्रस्टिंग फेक्ट्स हैं जिन्हें आपने देखा तो होगा लेकिन नजरअंदाज कर दिया होगा. कभी आपने ध्यान दिया हो तो आपने देखा होगा कि ट्रेन की छत पर आपको ढक्कन जैसे दिखाई देंगे. क्या आप जानते हैं कि ट्रेन की छत पर बने उस बॉक्स का क्या काम होता है? आखिर रेलवे द्वारा क्यों यह बॉक्स बनाए जाते हैं? अगर नहीं, तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि रेलवे आखिर इन बॉक्स को क्यों बनाता है.
ट्रेन की छतों पर इन खास तरह की प्लेटों या गोल-गोल ढक्कनों को इसलिए लगाया जाता है ताकि ये रूफ वेंटिलेशन (Roof Ventilation) का काम कर सके. दरअसल, ट्रेन के कोच में जब यात्रियों की संख्या ज्यादा हो जाती है, तो उस समय ट्रेन में गर्मी ज्यादा बढ़ जाती है. इस गर्मी और सफोकेशन के कारण बनने वाली भाप को ट्रेन से बाहर निकालने के लिए ट्रेन के कोच में यह खास व्यवस्था की जाती है. बता दें कि अगर ऐसा नहीं किया जाएगा, तो ट्रेन में यात्रियों के लिए सफर करना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
एक ओर जहां ट्रेनों की छतों पर ये ढक्कन लगे होते हैं, तो वहीं कोच के भीतर छत पर एक जाली लगी होती है. कुछ ट्रेनों के कोच के भीतर जाली होती है तो वहीं कुछ के अंदर छेद होते हैं. इनकी मदद से कोच के भीतर की गर्म हवा और भाप बाहर निकलती है. आपको पता होगा कि गर्म हवाएं हमेशा ऊपर की ओर उठती हैं, इसलिए कोच के अंदर छतों पर छेद वाली प्लेटें लगाई जाती हैं.
इसके अलावा इन ट्रेनों में इन प्लेटों और जाली को लगाने की एक और वजह भी है. इन प्लेट के जरिए कोच के भीतर की गर्म हवा तो बाहर होती ही है, लेकिन साथ ही बारिश का पानी भी कोच के अंदर नहीं आता है.
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