संन्यासी की तरह रहकर की UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी, हासिल की 30वीं रैंक, बनीं IAS ऑफिसर
IAS Pari Bishnoi Success Story: आईएएस अधिकारी परी बिश्नोई ने अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा के दम पर एक संन्यासी की तरह जीवन जीते हुए यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास की थी. उन्होंने परीक्षा में ऑल इंडिया 30वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी का पद हासिल किया था.
हम सभी जानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा पास करना कोई आसान बात नहीं है. वहीं, यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवार इसे क्रैक करने और आईएएस अधिकारी बनने के लिए चौबीसों घंटे पढ़ाई करते हैं. इसके अलावा बता दें कि यूपीएससी परीक्षा को भारत में सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है और यही कारण है कि हर साल केवल कुछ सौ छात्र ही यूपीएससी परीक्षा पास कर पाते हैं.
आज इस खबर में हम आईएएस अधिकारी परी बिश्नोई (IAS Officer Pari Bishnoi) के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने कड़ी मेहनत और अपनी प्रतिभा के दम पर एक संन्यासी की तरह जीवन जीते हुए यूपीएससी की परीक्षा पास की थी.
बता दें कि परी बिश्नोई का जन्म राजस्थान के बीकानेर जिले के काकरा गांव में हुआ था. उनकी मां सुशीला बिश्नोई वर्तमान में जीआरपी में एक पुलिस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं और उनके पिता मनीराम बिश्नोई एक वकील हैं. वहीं, परी बिश्नोई के दादा गोपीराम बिश्नोई चार बार काकरा के गांव के सरपंच रह चुके हैं.
परी बिश्नोई ने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की है. अपनी स्कूली शिक्षा के बाद, परी बिश्नोई दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज में अंडरग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करने के लिए दिल्ली आ गईं. इसके बाद परी बिश्नोईर ने एमडीएस विश्वविद्यालय, अजमेर से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने नेट-जेआरएफ भी क्लियर किया है. बता दें कि परी बिश्नोई ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास की थी. उन्होंने इस परीक्षा में ऑल इंडिया 30वीं रैंक हासिल की थी.
परी बिश्नोई की मां ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी बेटी ने हर सोशल मीडिया अकाउंट यूज करना छोड़ दिया था और परीक्षा की तैयारी के दौरान अपने मोबाइल का इस्तेमाल तक नहीं करती थीं. उनके मुताबिक यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान परी बिश्नोई ने साधु का जीवन व्यतीत किया था.