SDM Success Story: कॉलेज में गोल्ड मेडलिस्ट होकर भी नहीं लिया प्लेसमेंट, फिर बनीं एसडीएम
Disha Srivastava SDM Success Story: जब आप अपना टारगेट तय कर लेते हैं कि आपको फिर उसे पाने के लिए आप कितनी भी मेहनत करने के लिए तैयार रहते हैं. कई बार इसके लिए कई चीजों को छोड़ना भी पड़ता है. आज हम आपको एक ऐसी ही एसडीएम की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सरकारी अफसर बनने की ठान ली और उसके बाद फिर किसी और चीज के साथ समझौता नहीं किया.
हम बात कर रहे हैं SDM दिशा श्रीवास्तव की. दिशा गोरखपुर की रहने वाली हैं. उनकी पढ़ाई दिशा कार्मल गर्ल्स इण्टर कालेज गोरखपुर से हुई है. दिशा ने 12वीं में अपना जिला टॉप किया था. इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. दिशा ने सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है.
दिशा ने जब अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली तो प्लेसमेंट की बारी आई. आपको बता दें कि दिशा श्रीवास्तव अपनी यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं. दिशा ने कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं लिया.
जब आप अपना लक्ष्य तय कर लेते हैं तो आपको त्याग भी करने पड़ते हैं, दिशा ने भी कैंपस प्लेसमेंट न लेकर त्याग किया और अपने अफसर बनने के सपने पर फोकस किया.
अपनी तैयारी की स्ट्रेटजी के बारे में दिशा ने बताया कि सबसे पहला काम तो उन्होंने सोशल मीडिया से दूर रहकर किया. इसके अलावा वह टाइम बेस्ड नहीं टारगेट बेस्ड पढ़ाई पर फोकस करती थीं. इसके अलावा वह ज्यादा से ज्यादा टॉपिक कवर करने के बजाय पढ़ाई की क्वालिटी पर फोकस करती थीं.
पहले उन्हें लगता था कि अगर पढ़ाई 16-18 घंटे होगी तो अच्छा रहेगा, लेकिन जब बात वास्तविकता पर आई तो उन्हें लगा कि ऐसा करना तो गलती होगी. दिशा ने अपनी तैयारी मेन्स पर फोकस रखी. जब प्रीलिम्स पास आया तो फिर प्रीलिम्स की तैयारी की.