QS World University Rankings: ग्लोबल हायर एजुकेशन एनालिस्ट क्वाक्वेरेली साइमंड्स ने हाल ही में क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: सस्टेनेबिलिटी 2024 का दूसरा एडिशन पब्लिश किया है. इसमें लिस्टेड 56 भारतीय विश्वविद्यालयों में से, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने दुनिया भर में 220 वां स्थान हासिल करते हुए टॉप पॉजिशन का दावा किया है. एशिया में 30वें स्थान पर मौजूद इस यूनिवर्सिटी ने पर्यावरण और जलवायु रणनीतियों के कार्यान्वयन, पर्यावरण और जलवायु से संबंधित क्षेत्रों में हाई क्विलिटी वाली एजुकेशन प्रदान करने और विविधता और समावेशिता में चुनौतियों से निपटने सहित अलग अलग क्षेत्रों में सराहनीय प्रदर्शन किया है.


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वहीं आईआईटी मद्रास 344वें, आईआईटी खड़गपुर 349वें, आईआईटी रूड़की 387वें  और आईआईटी दिल्ली 426वें पायदान पर रहे. ग्लोबल क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: सस्टेनेबिलिटी में बिट्स पिलानी 444वें स्थान पर है.


एनवायरमेंटल एजुकेशन में भारत की दक्षता के बावजूद, एनवायरमेंटल रिसर्च में स्ट्रगल है. घरेलू लेवल पर आईआईटी इसमें लीडर है, आईआईटी दिल्ली ने ग्लोबल लेवल पर 236वीं रैंक हासिल की है. भारत ओवरऑल ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में ज्यादा अच्छा नहीं रहा है, लेकिन यह एनवायरमेंटल प्रभाव से संबंधित खास क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है. ये इंडिकेटर तय करते हैं कि सस्टेनेबिलिटी और क्लाइमेट स्ट्रेटजी को लागू करने में संस्थान कितने डेडिकेट और प्रभावी हैं. विशेष रूप से, एनवायरमेंटल सस्टेनेबिलिटी  इंडिकेटर में, चार भारतीय विश्वविद्यालयों ने विश्व स्तर पर टॉप 100 में स्थान हासिल किया है, जिसमें वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) दुनिया भर में 49वें स्थान पर राष्ट्रीय मोर्चे पर सबसे आगे हैं.


भारत में क्यूएस के गुड गवर्नेंस इंडिकेटर से संबंधित फेक्टर्स, जैसे एथिक्स, हायरिंग प्रक्टिस, ट्रांसपेरेंसी और फैसला लेने में भी सुधार की गुंजाइश है. इस संबंध में, दो भारतीय विश्वविद्यालय, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन और डीयू, वैश्विक स्तर पर टॉप 200 में क्रमशः 111वें और 167वें स्थान पर हैं.


ऑस्ट्रेलिया इस साल की रैंकिंग में टॉप परफोर्मर रहा है, जिसने टॉप 10 में यूनिवर्सिटीज की संख्या के मामले में दूसरा स्थान हासिल किया है, दो विश्वविद्यालयों के साथ ब्रिटेन की बराबरी की है और कनाडा को फॉलो किया है, जिसके तीन विश्वविद्यालय हैं. पूरे एशिया में, चार विश्वविद्यालयों ने वर्ल्ड के टॉप 50 में जगह बनाई है, जिसमें टोक्यो विश्वविद्यालय 22वें स्थान पर है, इसके बाद नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर (26वें), सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी (46वें), और नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (50वें) हैं.


चीनी यूनिवर्सिटीज सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में टॉप 100 से बाहर हो गए हैं. कॉन्टिनेंटल यूरोप में, नीदरलैंड में डेल्फ़्ट यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी टॉप रैंक वाले विश्वविद्यालय में है, जिसने 14वां स्थान हासिल किया है, जबकि ईटीएच ज्यूरिख 18वें स्थान पर है, विशेष रूप से नॉलेज एक्सचेंज में प्रदर्शन करते हुए, इस क्षेत्र में विश्व लेवल पर दूसरे स्थान पर हैं.