SDM Success Story: कहानी दो बहनों की जो पहले बनीं पोस्टल असिस्टेंट, फिर पास किया एग्जाम और बन गईं SDM
SDM Yukta Mukta Success Story: जब दोनों बहनों ने उत्तराखंड पीसीएस का एग्जाम दिया और जब रिजल्ट आया तो दोनों बहन लाइमलाइट में आ गई थीं. क्योंकि फीमेल कैटेगरी में मुक्ता मिश्रा टॉपर थीं और युक्ता की सेकेंड रैंक आई थी.
SDM Yukta and Mukta Success Story: जब आप मेहनती होते हैं, कम पर कंप्रोमाइज नहीं करते हैं तो आपको और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत होगी. कई लोग ऐसे होते हैं कि एक नौकरी मिल गई उसके बाद कोशिश करना ही बंद कर देते हैं कि अब तो बस काम हो गया अब क्या ही करना और ट्राइ करके. आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं जो 2 बहनों की है. उन बहनों ने कम पर कंप्रोमाइज नहीं किया. वह लगातार मेहनत करती रहीं और कामयाब भी रहीं.
हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड की युक्ता मिश्रा और मुक्ता मिश्रा की. युक्ता और मुक्ता ने एक साथ पहले तो पोस्टल असिस्टेंट का एग्जाम दिया और क्लियर कर लिया. इसके बाद दोनों ने नौकरी जॉइन कर ली. हालांकि दोनों ने नौकरी मिलने के बाद पढ़ाई नहीं छोड़ी. दोनों लगातार उत्तराखंड पीसीएस की तैयारी करती रहीं. जब दोनों ने UKPCS का एग्जाम दिया तो दोनों की अच्छी रैंक आई और SDM बन गईं.
साल था 2014 यूके पीसीएस का रिजल्ट आया इसमें युक्ता मिश्रा ने पीसीएस में सातवीं और मुक्ता ने चौथी रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया. वहीं फीमेल कैटेगरी में में मुक्ता ने प्रदेश में पहला और युक्ता ने दूसरा स्थान हासिल किया था.
दोनों बहनों ने बरेली कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. ग्रेजुएशन के दौरान ही दोनों ने पोस्टल असिस्टेंट के पद के लिए एग्जाम दिया और सफल रहीं. दोनों अल्मोड़ा के पोस्ट ऑफिस में सेवाएं देने लगीं. इसके साथ ही दोनों ने अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना कैंपस में प्राइवेट स्टूडेंट के तौर पर एडमिशन ले लिया और आगे की पढ़ाई जारी रखी.
जब मुक्ता मिश्रा रुद्रप्रयाग की एसडीएम थीं तो वह गरीब बच्चों के उम्मीद की किरण बनीं. वह कंपटीशन एग्जाम के लिए युवाओं को फ्री में कोचिंग देती थी. वह बड़े कॉलेज और स्कूलों में एडमिशन के लिए भी बच्चों को फ्री में कोचिंग देती थीं. साल 2018 में तो उन्होंने राजकीय कॉलेज नें सुबह 8 से 10 बजे तक फ्री में बच्चों को कोचिंग दी थी.
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