Delhi News: भारत में सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोलने में पहले नंबर पर दिल्ली, रिपोर्ट जारी
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Delhi News: भारत में सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोलने में पहले नंबर पर दिल्ली, रिपोर्ट जारी

English Speaking State in India: रिपोर्ट के अनुसार, भारत का औसत अंग्रेजी बोलने का स्कोर 57 है, जो वैश्विक औसत 54 से अधिक है. हालांकि, भारत का औसत इंग्लिश स्किल स्कोर 52 है, जो कि वैश्विक औसत 57 से कम है. यह दर्शाता है कि भारत में अंग्रेजी बोलने की क्षमता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है.  

Delhi News: भारत में सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोलने में पहले नंबर पर दिल्ली, रिपोर्ट जारी

Delhi News: अगर आपको यह जानने में दिलचस्पी है कि भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है, तो आप अकेले नहीं हैं. कई लोग इस सवाल का सही जवाब नहीं जानते. दरअसल, पियर्सन ग्लोबल इंग्लिश प्रोफिशिएंसी रिपोर्ट 2024 ने इस मुद्दे पर रोशनी डाली है, जिसमें भारत की अंग्रेजी बोलने की स्थिति का विश्लेषण किया गया है. यह रिपोर्ट 6 जनवरी 2025 को जारी की गई थी.  

भारत की अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का औसत अंग्रेजी बोलने का स्कोर 57 है, जो वैश्विक औसत 54 से अधिक है. हालांकि, भारत का औसत इंग्लिश स्किल स्कोर 52 है, जो कि वैश्विक औसत 57 से कम है. यह दर्शाता है कि भारत में अंग्रेजी बोलने की क्षमता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है.  

अंग्रेजी बोलने में पहले नंबर पर दिल्ली
पियर्सन रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अंग्रेजी बोलने के मामले में दिल्ली सबसे आगे है, जिसका स्कोर 63 है. दूसरे स्थान पर राजस्थान है, जिसका स्कोर 60 है, और तीसरे स्थान पर पंजाब है, जिसका स्कोर 58 है. यह आंकड़े दिखाते हैं कि ये राज्य अंग्रेजी भाषा में उच्च स्तर की दक्षता प्राप्त कर चुके हैं.   

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रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बिज़नेस लीडर समझते हैं कि अंग्रेजी स्किल का सटीक परीक्षण मिस-हायर की लागत को कम करता है. खासकर तब जब बड़े पैमाने पर हायरिंग की जा रही हो. भारत में अंग्रेजी लिखने का औसत स्कोर 61 है, जो वैश्विक औसत के बराबर है.  

बढ़ते डिजिटल कम्युनिकेशन और ग्लोबल बिज़नेस कॉन्टेक्स्ट में लिखित अंग्रेजी की आवश्यकता के कारण यह स्कोर लगातार सुधर रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वित्त और बैंकिंग सेक्टर में स्कोर 63 है, जो वैश्विक औसत 56 से अधिक है.  

हालांकि, हेल्थकेयर का स्कोर 45 है, जो इसके तेजी से विस्तार और नौकरियों तक पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने से प्रभावित है. इसके विपरीत, टेक, कंसल्टिंग और BPO जैसे क्षेत्रों ने मजबूत प्रदर्शन दिखाया है.  

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