विदेश में अच्छी जॉब मिल जाए तो और क्या चाहिए, लेकिन ऊंचा उड़ने के लिए चलते रहना जरूरी है; पढ़िए IAS अभिषेक की कहानी
Success Story: युवाओं का सपना होता है कि वे विदेश में पढ़ाई करे या उन्हें वहां नौकरी मिल जाए, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपनी अच्छी खासी जॉब को छोड़कर देश का कर्ज चुकाने के लिए लौट आते हैं. पढ़िए IAS अभिषेक की कहानी...
IAS Abhishek Surana: विदेश में जाकर पढ़ना या वहां नौकरी करना युवाओं के लिए किसी बड़े सपने की तरह होता है. आज के समय में विदेशों में नौकरी करने और वहीं बसने का युवाओं में काफी क्रेज देखा जा सकता है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें वहां की इस सुकूनभरी लाइफ से ज्यादा अपने देश से प्यार होता है. ऐसे लोगों की फेहरिस्त में एक नाम आईएएस अभिषेक सुराणा (IAS Abhishek Surana) का भी है.
आईएएस अभिषेक सुराणा ने मोटे पैकेज वाली नौकरी छोड़कर देश लौटने का फैसला लिया था, जो उनके लिए बिल्कुल सही साबित हुआ. इस आईएएस अफसर की कहानी पढ़कर आप भी यह पर मजबूर हो जाएंगे किस तरह कोई अपनी अच्छी खासी लाइफ छोड़कर देश के लिए लौट आते हैं.
औरों से बिल्कुल अलग है अभिषेक की कहानी
अभिषेक सुराणा राजस्थान के भीलवाड़ा के रहने वाले हैं.आईएएस अभिषेक सुराणा की कहानी युवाओं को प्रेरित करती हैं कि जब तक कुछ बेहतर ना हासिल कर लिया जाए तब तक रुकना नहीं चाहिए.
बैंकिंग छोड़ पकड़ी UPSC की राह
अभिषेक सुराणा ने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके बाद सिंगापुर में बार्कलेज इन्वेस्टमेंट बैंक में एक हाई पेइंग जॉब हासिल कर रहे थे. इसके बाद वह लंदन चले गए. अभिषेक यहीं नहीं रुके उन्होंने एक मोबाइल बेस्ड एप स्टार्ट अप कंपनी की शुरू की और चिली में काम करना शुरू किया. हालांकि, इसके बाद भी उन्हें कुछ कमी महसूस हुई और 2014 में अभिषेक ने एक बड़ा फैसला लिया. सबकुछ छोड़ अभिषेक भारत लौट आए और सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया.
अभिषेक की मंजिल थी IAS बनना
कड़ी मेहनत की तैयारी के बावजूद उन्हें अपने पहले प्रयास में निराशा हाथ लगी. इसके बाद दूसरी में भी असफलता ही हाथ लगी. तीसरे प्रयास में वह पास हो गए और उन्हें आईपीएस कैडर मिला, लेकिन मन मुताबिक रैंक न मिलने से वह नाखुश थे. अगले साल अभिषेक ने फिर यूपीएससी की परीक्षा दी. इस बार देश की सबसे कठिन परीक्षा में उन्हें जबरदस्त सफलता मिली. अपने चौथे प्रयास में उन्हें ऑल इंडिया रैंक 10 हासिल करके आईएएस ऑफिसर बनने का लक्ष्य हासिल कर ही लिया.