Success Story: पापा को देख बेटी को आया `अफसर बिटिया` बनने का जज्बा, ऐसे हुआ खनन विभाग में सेलेक्शन
Success Story of Garima Singh: गरिमा का जज्बा था कि उन्हें अफसर बनना है इसलिए उन्होंने दिल्ली जाकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करना शुरू कर दिया. घरवालों ने भी भरपूर साथ दिया. मम्मी-पापा ने भरोसा किया. गरिमा का चयन खनन विभाग में हुआ है.
UPPCS 2021 परीक्षा में मूलतः प्रतापगढ़ की रहने वाली गरिमा सिंह ने UPPCS की परीक्षा पास करते हुए अपने संवर्ग में 6वां स्थान प्राप्त किया. गरिमा ने तीसरे अटेम्प्ट में ये सफलता हासिल की है. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के करमाही गांव की रहने वाली गरिमा सिंह ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की. गरिमा के पिता विजय प्रकाश सिंह लखनऊ में विधानसभा में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं.
गरिमा ने बताया कि उनकी पढ़ाई शुरू से लखनऊ पब्लिक स्कूल में हुई है. उसके बाद उन्होंने लखनऊ के ही एक कालेज से कमेस्ट्री में मास्टर्स किया. पापा विधानसभा में थे, शुरू से ही मैं अफसरों के बीच पली-बढ़ी, हांलाकि जज्बा था कि मैं भी अफसर बनूं, लेकिन ये हो पाएगा कि नहीं ये पता नहीं था. इसी बीच मैंने डायट उन्नाव से BTC की परीक्षा पास की और 2020 में मेरा चयन प्राथमिक स्कूल में टीचर के रूप में हो गया.
गरिमा का जज्बा था कि उन्हें अफसर बनना है इसलिए उन्होंने दिल्ली जाकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करना शुरू कर दिया. घरवालों ने भी भरपूर साथ दिया. मम्मी-पापा ने भरोसा किया. गरिमा का चयन खनन विभाग में हुआ है.
उनकी मां हाउस वाइफ हैं. गरिमा ने प्रतियोगी परीक्षार्थियों और उनके अभिवावकों के लिए भी मैसेज दिया. उन्होंने कहा कि सभी पैरेंट्स से ये आग्रह है कि वह बेटियों को खुला आसमान दें. उन्हें खूब पढ़ाएं, और सबसे बड़ी बात उनपर भरोसा करें. इसके आलावा उन्होंने छात्रों से कहा है कि वो अपने लक्ष्य पर ध्यान रखें, सफलता निश्चित मिलेगी भले ही उसे मिलने में थोड़ी देर हो. गरिमा यूपी के पूर्व मंत्री डॉ महेंद्र सिंह की भतीजी हैं. गरिमा के बड़े पापा वेद प्रकाश सिंह भी विधानसभा में संयुक्त सचिव हैं जबकि उनके चाचा सुरेश सिंह प्रतापगढ़ के करमाही गांव के ग्राम प्रधान हैं.
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