Success Story Of IAS Ayush Goel: आपने ऐसे कई उदाहरण देखे और सुने होंगे जब अच्छी खासी सैलरी पैकेज पर काम करने वाले युवा भी प्राइवेट नौकरी छोड़कर सरकारी नौकरियों की तैयारी करते हैं. इतना ही नहीं ऐसे ज्यादातर युवा अपना लक्ष्य हासिल करके ही रहते हैं. आज हम आपके लिए एक ऐसी ही सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं. हम आपको बताएंगे आईएएस आयुष गोयल के बारे में, जिन्होंने पिता के सिर पर इतना बड़ा लोन होने के बावजूद बेहतरीन सैलरी पैकेज वाली जॉब छोड़ी दी. आइए जानते हैं कैसा रही उनकी सक्सेस स्टोरी...


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आईआईएम से किया MBA


हर पिता की तरह ही दिल्ली में रहने वाले सुभाष चंद्र गोयल भी बेहद खुश थे, क्योंकि उनके बेटे आयुष को एक बड़ी कंपनी जेपी मॉर्गन में सालाना 28 लाख रुपये पैकेज वाली नौकरी मिल गई थी. आयुष ने केरल के आईआईएम कोझीकोड से एमबीए किया था. अब पिता को इस बात की तसल्ली थी कि बेटे की पढ़ाई के लिया 20 लाख रुपये का लोन जल्दी ही क्लियर हो जाएगा, लेकिन जॉब करते हुए आयुष को अभी 7 महीने ही हुए थे कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया. बेटे के इस फैसले से परिवार के लोग हैरान थे, आयुष के पिता को भी बड़ा झटका लगा कि जब इतनी अच्छी जॉब मिली है तो बेटे ने इस्तीफा क्यों दे दिया?


बेटे के फैसले के साथ खड़े हो गए


आयुष से पिता ने इसका कारण जाना तो बेटे ने बताया कि वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं. पहले तो उनके परिवार को यह रिस्क बहुत ज्यादा बड़ा लगा, क्योंकि यूपीएससी बहुत ज्यादा कठिन परीक्षा है, अगर बेटा पास नहीं कर पाया तो लोन कैसे उतरेगा? लेकिन आयुष के फैसले में पिता ने पूरा साथ दिया, क्योंकि उनके बेटे ने अब तक जिस राह पर कदम बढ़ाए, सफलता ही मिली. 


सेल्फ स्टडी के दम पर पाई कामयाबी 


दिल्ली में ही आयुष के पिता की एक छोटी सी किराने की दुकान थी. उनके सिर पर 20 लाख रुपये का लोन था. इसके बावजूद उन्होंने आयुष का साथ दिया. आयुष ने भी बिना कोचिंग की मदद के सेल्फ स्टडी से ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. रोजाना 10 से 12 घंटे की पढ़ाई में बुक्स और इंटरनेट पर यूपीएससी से जुड़े वीडियो उनकी तैयारी के अहम पार्ट थे. उन्होंने नोट्स भी खुद से ही तैयार किए.


पहले ही प्रयास में आयुष ने रच दिया इतिहास


साल 2022 में आयुष ने पहली बार यूपीएससी परीक्षा, उनका प्रीलिम्स, मेंस का रिजल्ट भी शानदार रहा. इंटरव्यू में तो आयुष कमाल ही कर गए, उन्हें मेरिट लिस्ट में 171 वीं रैंक हासिल मिली. बेटे की सफलता पर सबसे ज्यादा खुशी पिता को हुई, उनका बेटा एक बार फिर उनके भरोसे पर खरा उतरा था. 


आयुष शुरू से ही थे मेहनती


आईएएस अधिकारी आयुष की मेहनत, लगन और रिस्क लेने की हिम्मत ने उन्हें बहुत बड़ी कामयाबी दिलाई. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से पूरी की. वह बचपन से ही मेहनती थे. उन्होंने 10वीं बोर्ड परीक्षा में 91.2 प्रतिशत और 12वीं में 96.2 फीसदी अंक हासिल किए थे.