Best Teacher in India: जो यंग माइंड बनाने के लिए अथक परिश्रम करते हैं. वे एक उच्च सम्मानित शिक्षक, विद्वान और दार्शनिक थे. डॉ राधाकृष्ण एक विद्वान, एक शिक्षक और एक रिसर्चर थे. वह भारत रत्न से सम्मानित थे और उनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को आंध्र प्रदेश में हुआ था. ऐसे कई शिक्षक थे जिन्होंने भारत में एजुकेशन सिस्टम बेहतर और बेहतर बनाने में अपना योगदान दिया. आइए नजर डालते हैं पांच ऐसे महान शिक्षकों पर जिन्होंने देश में शिक्षा के परिदृश्य को बदल कर रख दिया.


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सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule)
सावित्रीबाई फुले ने अलग अलग सांस्कृतिक चुनौतियों के बीच लैंगिक समानता और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया.  सावित्रीबाई फुले, जिनके पास अपनी शादी से पहले कोई औपचारिक शिक्षा नहीं थी, शिक्षक बनने वाली पहली भारतीय महिला थीं.


स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda)
स्वामी विवेकानंद, एक उल्लेखनीय भारतीय सुधारक को भी देश के महानतम शिक्षकों में से एक माना जाता है और उनके पास एक ऐसी मानसिक शक्ति थी जो अतुलनीय थी. उन्होंने "रामकृष्ण मिशन" की स्थापना की, जहां उनके भक्त और भिक्षु व्यावहारिक वेदांत के बारे में सीखते और सिखाते हैं.


रविंद्र नाथ टैगोर (Rabindra Nath Tagore)
एक्टिविटीज के माध्यम से सीखने में रवींद्र नाथ टैगोर का विश्वास एक बच्चे के शारीरिक और मानसिक कौशल को सुधारने का एक प्रभावी तरीका साबित हुआ है. परिणामस्वरूप, शांति निकेतन ने रंगमंच, पेड़ पर चढ़ना, फल तोड़ना, डांस और बहुत कुछ जैसी फिजिकल एक्टिविटीज को शामिल करने को बढ़ावा दिया.


चाण्क्य (Chanakya)
चाणक्य को विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है, वे एक प्रमुख भारतीय शिक्षक थे जो चौथी शताब्दी में रहते थे. वह राजा चंद्रगुप्त मौर्य के एक दार्शनिक, न्यायविद और शाही सलाहकार थे.


डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम (Dr APJ Abdul Kalam)
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में काम किया और एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे. वे शिक्षा के कट्टर समर्थक थे और उनका मानना ​​था कि अकादमिक डिग्री हासिल करने के अलावा, स्टूडेंट्स को एक सफल करियर और जीवन के लिए अपने कौशल का विकास करना चाहिए.


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