IAS Officers Controversial Statements: आईएएस और आईपीएस अधिकारी समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत होते हैं. देश का हर बच्चा अपने जिले के मुखिया से प्रेरित होकर कभी न कभी तो सोचता ही है कि भविष्य में मैं भी एक ऐसा ही अधिकारी बनूंगा, जिसके पास इतनी पावर और प्रतिष्ठा होती है.


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वहीं, ऐसे ही अधिकारियों में से कुछ समाज के लिए गलत उदाहरण पेश करते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे आईएएस ऑफिसर्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में आए. इतना ही नहीं उन बयानों पर हुए जन आक्रोश के कारण इन अधिकारियों को पब्लिकली अपनी गलतियों के लिए माफी भी मांगनी पड़ी. 


आइएएस किशोर कान्याल
दरअसल, केंद्र सरकार के 'हिट एंड रन' को लेकर नए कानून के विरोध में ड्राइवर्स हड़ताल पर हैं. इन्हीं हड़ताली ड्राइवरों से बात करने के लिए मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के कलेक्टर किशोर कान्याल ने ट्रक ड्राइवरों के साथ बैठक की थी. कलेक्टर कार्यालय में 2 जनवरी को हुई इस बैठक में कलेक्टर किशोर कुमार कान्याल, एसपी यशपाल राजपूत समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद थे.


बैठक में बातचीत करते-करते अधिकारी ने गुस्से में अपना आपा खो दिया और एक ट्रक ड्राइवर से कहा, "क्या करोगे तुम? क्या औकात है तुम्हारी?." इस पर ड्राइवर ने कहा, "वे इसीलिए लड़ रहे हैं कि उनकी कोई औकात नहीं है."


किशोर कान्याल ने व्यक्त किया खेद
इसके बाद कलेक्टर किशोर कान्याल ने सफाई देते हुए कहा,"बैठक ट्रक ड्राइवरों को लोकतांत्रिक तरीके से अपने मुद्दे उठाने को कहने के लिए आयोजित की गई थी, लेकिन उनमें से एक अन्य लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहा था, जिसके कारण मैंने इन शब्दों का इस्तेमाल किया. अगर मेरी बातों से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं." 


हालांकि, मुख्यमंत्री मोहन यादव तक पहुंची और ट्रक ड्राइवरों को 'औकात' दिखाने वाले कलेक्टर किशोर कान्याल पर एक्शन लेते हुए सीएम ने उन्हे शाजापुर से हटा दिया है. मुख्यमंत्री ने  सबके काम और भाव के सम्मान की बात करते हुए कहा कि इस तरह की भाषा बोलना उचित नहीं है. उन्होंने अधिकारियों को अपनी भाषा और व्यवहार को संयमित रखने के लिए हिदायत भी दे डाली. 


आइएएस डॉ जगदीश सोनकर 
छत्तीसगढ़ में बलरामपुर जिला अस्पताल के कुपोषण वार्ड में मरीजों से मिलने के दौरान आइएएस डॉ जगदीश सोनकर विवादों में आ गए.  डॉ सोनकर की हॉस्पिटल की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें वह जिला अस्पताल में बच्चे के साथ बैठी महिला मरीज के बेड पर पैर रखे नजर आ रहे हैं. तस्वीर वायरल होते ही विवाद बढ़ा, जिसके बाद सोनकर ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी है. उन्होंने लिखा, "ऐसा मैंने जानबूझ कर नहीं किया और उनका इरादा किसी का भी अपमान या दुखी करने का नहीं था."


आईएएस अधिकारी हरजोत कौर भामरा
इससे पहले साल 2022 में बिहार की आईएएस अधिकारी हरजोत कौर भामरा ने सस्ते सैनिटरी पैड मांगने पर पटना की एक स्कूली छात्रा पर "कंडोम" टिप्पणी की थी. इसके बाद विवाद इतना बढ़ा था कि उन्हें माफी मांगना पड़ गया था. 


"सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार: टुवर्ड्स इन्हैन्सिंग द वैल्यू ऑफ़ गर्ल चाइल्ड" विषय पर राज्य स्तरीय वर्कशॉप के एक सेशन के दौरान छात्राओं का सवाल था कि 'जैसे सरकार पोशाक से लेकर छात्रवृत्ति तक देती है, तो क्या 20 और 30 रुपये का व्हिस्पर (सैनिटरी पैड) नहीं दे सकती?'


इसके जवाब में आईएएस हरजोत कौर ने कहा था, "20 और 30 रुपये का व्हिस्पर नहीं दे सकते हैं, कल को जीन्स पैंट भी दे सकते हैं. परसों जूते क्यों नहीं दे सकते हैं? अंत में जब परिवार नियोजन की बात आएगी तो निरोध भी मुफ्त में देना पड़ेगा, है ना?''


सोशल मीडिया पर हरजोत कौर का ये बयान तेज़ी से वायरल हो गया, जिसके बाद उन्होंने दोबारा मीडिया से बात की. वहीं, भामरा ने रिटेन स्टेटमेंट में माफी मांगते हुए कहा, "मेरा इरादा किसी को अपमानित करने या भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था. अगर मेरे शब्दों से किसी लड़की की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करती हूं."