Phd, UGC NET, MPhil: केंद्र और राज्य सरकारें पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए लगातार कुछ न कुछ काम करती रहती हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकारें सभी को स्कूली शिक्षा देने के लिए फ्री में स्कूलिंग और दूसरी चीजें दे रही हैं. अब सरकार हायर एजुकेशन में भी कुछ ऐसे ही कदम उठा रही हैं. अब बिहार सरकार ने एक नया ऐलान किया है कि बिहार की यूनिवर्सिटीज के शोधार्थियों के फेलोशिप पर राज्य सरकार इस साल चार करेाड़ 90 लाख 80 हजार रुपये खर्च करेगी. इस राशि से प्रत्येक शोधार्थी को हर महीना 10 हजार मिलेंगे. इस राशि को वे अपने रिसर्च पर खर्च कर सकेंगे. अभी तक यूजीसी से जेआरएफ क्वालिफाई स्टूडेंट्स को ही रिसर्च के लिए पैसा मिलता था. इसके लिए उम्र सीमा 28 साल तक निर्धारित थी. बिहार सरकार ने आयु सीमा को भी बढ़ा दिया है.


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यूजीसी के 2016 वाले रेगुलेशन मान्य होंगे सरकार की ओर से दी जाने वाली मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना वैसे छात्रों को दी जाएगी जिनकी पीएचडी और एमफिल यूजीसी के गाइडलाइन के हिसाब से होगा. जिसे सरकार की ओर से अडॉप्ट किया गया है. यूजीसी के 2016 के रेगुलेशन वाले आवेदन कर सकते हैं. अनारक्षित कैटेगरी व ईडब्ल्यूएस के स्टूडेंट्स के लिए आयु सीमा 31 साल निर्धारित की गई है. वही अन्य वर्ग के कैंडिडेट्स के लिए 5 साल का अतिरिक्त समय दिया गया है.


एक वित्तीय वर्ष में सरकार की ओर से 400 शोधार्थियों को मुख्यमंत्री फेलोशिप दी जाएगी. इसके तहत साइंस फैकल्टी से 100, सामाजिक विज्ञान से 100 मानविकी फैकल्टी 100 और कॉमर्स, एजुकेशन और लॉ मिलाकर 100 छात्रों को सेलेक्शन किया जाएगा. इसमें सरकारी नियमानुसार आरक्षण नियम का पालन किया जाएगा.


मुख्यमंत्री फेलोशिप के लिए वैसे स्टूडेंट्स आवेदन कर सकते हैं जिन्हें यूजीसी से नेट, सीएसआईआर और आईसीएआर से जिन्हें स्कॉलरशिप नहीं मिली है. वहीं विवि से प्री पीएचडी क्वालिफाइड स्टूडेंट्स भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को 10 हजार रुपये की फेलोशिप हर महीना तीन साल तक दी जाएगी.


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