इंडियन नेवी की ताकत से अब थर्राएंगे दुश्मन.. जब समंदर में गरजेगा 3,800 टन का 'निर्देशक', छूटे पाक-चीन के पसीने!
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इंडियन नेवी की ताकत से अब थर्राएंगे दुश्मन.. जब समंदर में गरजेगा 3,800 टन का 'निर्देशक', छूटे पाक-चीन के पसीने!

INS Nirdeshak: मरीन साइंस में भारत ने आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है. आज भारतीय नौसेना के बेड़े में स्वदेशी जहाज को शामिल किया है. 'निर्देशक'; स्वदेशी तकनीक से लैस अत्याधुनिक हैं. चलिए जानते हैं इस जहाज की खासियतें...

इंडियन नेवी की ताकत से अब थर्राएंगे दुश्मन.. जब समंदर में गरजेगा 3,800 टन का 'निर्देशक', छूटे पाक-चीन के पसीने!

Indian Navy Gets Advanced Ship INS Nirdeshak: भारतीय नौसेना के लिए ये दिन बेहद खास है, क्योंकि आज नेवी को एक बड़ा समुद्री ताकतवर साथी मिला है. बुधवार, 18 दिसंबर 2024 को समंदर में इंडियन नेवी की नई ताकत स्वदेशी जहाज 'निर्देशक'को शामिल किया, जो मरीन साइंस में देश की आत्मनिर्भरता की नई मिसाल है.  80 फीसदी स्वदेशी मटेरियल से तैयार अत्याधुनिक जहाज 'निर्देशक' से समुद्री कूटनीति को बढ़ावा मिलेगा और नेवी की पावर में इजाफा होगा. इस शिप की खासियतें जान आप भी गदगद हो जाएंगे...

इंडियन नेवी की नई पावर 
नौसेना के बेड़े में शामिल हुए नए साथी 'निर्देशक' की लंबाई 110 मीटर है और यह 3,800 टन वजनी है. 'निर्देशक' के साथ नौसेना ने आत्मनिर्भरता और समुद्री ताकत में नई कहानी लिख दी है. स्वदेशी सामग्री से तैयार यह जहाज न केवल समुद्र विज्ञान सर्वेक्षण (c) में एक्सीलेंट है, बल्कि भारत की समुद्री कूटनीति को भी एक नई दिशा देगा.

मरीन साइंस का आधुनिक उपकरण
'निर्देशक' अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक और मरीन साइंस इक्विपमेंट से लैस है. इस जहाज की मदद से महासागरों का सटीक नक्शा तैयार किया जा सकेगा, जो समुद्री संचालन और सुरक्षा को मजबूत करेगा. रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने इसे एक "विश्वसनीय समुद्री कूटनीति उपकरण" बताते हुए कहा कि यह भारत की समुद्री क्षमता को बढ़ाने का एक अहम कदम है.

स्वदेशी निर्माण की नायाब मिसाल
'निर्देशक' के रूप में मिला नया साथी पाकर भारतीय नौसेना को समुद्री सुरक्षा के लिए मिलेगा बल. यह जहाज गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा निर्मित किया गया है और इसमें 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है. यह भारत की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीकी विशेषज्ञता का प्रतीक है. 'निर्देशक' न केवल आत्मनिर्भर भारत मिशन को बल देगा, बल्कि भारतीय नौसेना के वैश्विक कद को भी ऊंचाई पर ले जाएगा.

अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस
आईएनएस 'निर्देशक' समुद्र में 25 दिनों तक निरंतर काम करने की सहनशक्ति रखता है और इसकी मैक्सिमम स्पीड 18 समुद्री मील से भी ज्यादा है. यह जहाज समुद्री नेविगेशन, जल सर्वेक्षण और विदेशी सहयोग मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति को यह और मजबूत करेगा.

भारत की समुद्री कूटनीति का प्रतीक
रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि यह सर्वेक्षण जहाज भारत की समुद्री कूटनीति के लिए एक मजबूत संदेश देता है. मित्र देशों के साथ सहयोगी मिशनों में 'निर्देशक' भारत की नीति 'बिना स्वार्थ के सहायता' का प्रतीक बनेगा. इसके जरिए द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे और समुद्री व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.

पुराने से नए की ओर
'निर्देशक' भारतीय नौसेना की "सर्वेक्षण पोत परियोजना' का दूसरा शिप है. यह अपने प्रिवियस शिप 'विक्रांत' का रिफाइंड वर्जन है, जो 2014 में रिटायर हुआ था. नए जहाज के साथ, भारत की समुद्री क्षमताओं और सुरक्षा में एक नया अध्याय जुड़ गया है. यह जहाज जल सर्वेक्षण और संचालन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि साबित होगा.

(इनपुट - आईएएनएस)

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