Women Engineers History: इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अलग अलग एग्जाम होते हैं और रैंक के मुताबिक तय होता है कि किसे क्या स्ट्रीम मिलेगी, लेकिन आज हम आपको भारत की उन महिला इंजीनयिर्स के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने पॉलिटेक्निक कॉलेजों की स्थापना की और मिसाइल से लेकर सैटेलाइट प्रोजेक्ट्स तक को लीड किया.


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अय्यालासोमायाजुला ललिता
अय्यालासोमायाजुला ललिता भारत की पहली महिला इंजीनियर थीं. ए ललिता ने पूर्वी भारतीय रेलवे के विद्युत विभाग में भी अपनी सेवाएं दी थीं. उन्होंने तमिलनाडु में 1944 में इलेक्ट्रिकल इंजीनयरिंग की पढ़ाई की थी.


एल जॉर्ज कोशी
एल जॉर्ज कोशी ने 1944 में महज 19 साल की उम्र में सीविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. ललिता केरल की पहली महिला इंजीनियर रहीं. ललिता ने केरल के पीडब्ल्यूडी में काम किया. इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड से भी पढ़ाई की.


इला घोष 
इला घोष पश्चिम बंगाल की पहली महिला इंजीनियर रही हैं. उन्होंने बंगाल इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. 1985 में यूनेस्को ने ढाका में महिला पॉलिटेक्निक की स्थापना के लिए संपर्क किया था.


पीके तेरेसिया
पीके तेरेसिया भारत की फेमस महिला इंजीनियर तिकड़ी का हिस्सा रही हैं. इस तिकड़ी में ललिता और लीलाम्मा शामिल थीं. वह, एशिया में पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट की पहली महिला चीफ भी रहीं.


राजेश्वरी चटर्जी
राजेश्वरी चटर्जी को कर्नाटक की पहली महिला इंजीनियर होने का गौरव हासिल है. उन्होंने अमेरिका से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में प्रोफेसर भी रहीं.


टेसी थॉमस 
टेसी थॉमस देश में अग्नि मिसाइल की वजह से फेमस हैं. वह, 1998 से ही डीआरडीओ से जुड़ी हैं. वह देश की पहली महिला हैं जिन्होंने मिसाइल प्रोजेक्ट को लीड किया था.


अनुराधा टीके
अनुराधा टीके इसरो की पहली महिला सैटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह चुकी हैं. अनुराधा भारत के स्पेस प्रोग्राम में अहम भूमिका निभा चुकी हैं. उन्होंने 34 साल तक इसरो में अपनी सेवाएं दी हैं.


सुधीर दास
सुधीर दास को ओडिशा की पहली महिला इंजीनियर हैं. उन्होंने 1956 में रेडियो फिजिक्स और इलेक्ट्रोनिक्स में मास्टर डिग्री हासिल की थी. इन्होंने ओडिशा में वूमन पॉलिटेक्निक की स्थापना की थी.


शकुंतला भगत 
शकुंतला भगत देश की बेहतरीन सिविल इंजीनियर्स की लिस्ट में हैं. शकुंतला ने क्वाड्रिकोन की नींव रखी थी. यह कंपनी दुनियाभर में 200 से ज्यादा पुलों को डिजाइन कर चुकी है. शकुंतला आईआईटी बॉम्बे में असिस्टेंट प्रोफेसर भी रही हैं.