Future of Jobs in India: WEF की इस रिपोर्ट से यह साफ है कि भविष्य में भारत में AI, मशीन लर्निंग, और बिग डेटा जैसे क्षेत्रों में नौकरियों की मांग तेजी से बढ़ेगी. वहीं, एडमिनिस्ट्रेटिव और डाटा एंट्री जैसी नौकरियां धीरे-धीरे खत्म हो सकती हैं. इसके अलावा, भारतीय कंपनियां अब डिग्री के बजाय स्किल्स पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं. इसलिए आने वाले समय में स्किल डेवलपमेंट सबसे जरूरी होगा.
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Future of Jobs in India: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया है कि 2030 तक भारत में नौकरियों के भविष्य को मुख्य रूप से तीन चीजें प्रभावित करेंगी. इसमें शामिल है:
1. इंटरनेट की बढ़ती पहुंच,
2. वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions), और
3. जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए उठाए गए कदम
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कंपनियां रोबोटिक्स, स्वायत्त (Autonomous) सिस्टम्स, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में भारी निवेश कर रही हैं.
तेजी से बढ़ने वाले जॉब्स
'फ्यूचर ऑफ जॉब्स 2025' रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अगले कुछ सालों में जिन नौकरियों की सबसे ज्यादा मांग होगी, वे होंगी:
1. सिक्योरिटी मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स
2. AI एंड मशीन लर्निंग एक्सपर्ट
3. बिग डेटा एक्सपर्ट
स्किल-बेस्ड हायरिंग की ओर बढ़ती कंपनियां
इस सर्वे में यह भी बताया गया है कि भारतीय कंपनियां अब स्किल्स पर आधारित हायरिंग की ओर बढ़ रही हैं. वे डिग्री की शर्तों को हटाकर अलग-अलग टैलेंट पूल से उम्मीदवारों को हायर कर रही हैं ताकि अपनी वर्कफोर्स की जरूरतों को पूरा कर सकें.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में 96% कंपनियां AI प्रोग्राम्स लागू कर रही हैं, जबकि दुनिया भर में यह आंकड़ा 88% है.
AI स्किल्स की बढ़ती मांग
रिपोर्ट के मुताबिक, AI स्किल्स की मांग दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है. इस मामले में अमेरिका और भारत सबसे आगे हैं. Coursera प्लेटफॉर्म पर जनरेटिव AI ट्रेनिंग में भारत की भागीदारी सबसे ज्यादा है.
इसके अलावा, कॉर्पोरेट स्पॉन्सरशिप यानी कंपनियों की ओर से दिए गए फंड्स ने भी AI ट्रेनिंग को बढ़ावा दिया है.
नई नौकरियां और बदलती स्किल्स
यह रिपोर्ट 1,000 से ज्यादा कंपनियों की राय पर आधारित है, जो दुनियाभर में 1.4 करोड़ कर्मचारियों को रोजगार देती हैं. इसमें बताया गया है कि कैसे नई नौकरियां पैदा हो रही हैं और कंपनियां अपने कर्मचारियों की स्किल्स को अपग्रेड कर रही हैं ताकि बदलते हुए जॉब मार्केट के साथ तालमेल बैठा सकें.
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में 49% वर्कफोर्स कम आय वाले देशों से और 51% वर्कफोर्स उच्च आय वाले देशों से है.लेकिन आने वाले सालों में, खासकर भारत और सहारा के दक्षिणी अफ्रीकी देशों (Sub-Saharan Africa) में जनसंख्या वृद्धि के कारण इन देशों से नई वर्कफोर्स का दो-तिहाई हिस्सा आएगा.
भारतीय नियोक्ताओं की राय
सर्वे में बताया गया कि भारतीय कंपनियां निम्नलिखित टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं:
- 35% कंपनियों का मानना है कि सेमीकंडक्टर और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी उनके काम करने के तरीके में क्रांति लाएंगी.
- 21% कंपनियां क्वांटम टेक्नोलॉजी और एन्क्रिप्शन को अहम मानती हैं.
भारतीय नियोक्ताओं का मानना है कि 2030 तक 38% कर्मचारियों की स्किल्स बदलनी होंगी, जो वैश्विक औसत 39% के करीब है.
2030 तक 78 मिलियन नई नौकरियां बनेंगी
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक 170 मिलियन नई नौकरियां पैदा होंगी, लेकिन 92 मिलियन नौकरियां खत्म भी हो जाएंगी. यानी कुल मिलाकर 78 मिलियन नई नौकरियां जुड़ेंगी.
किन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नौकरियां बढ़ेंगी?
रिपोर्ट के अनुसार, कुछ क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नौकरियों की मांग बढ़ेगी. इनमें शामिल हैं:
1. फार्मवर्कर्स (कृषि मजदूर)
2. डिलीवरी ड्राइवर्स
3. कंस्ट्रक्शन वर्कर्स
4. सेल्सपर्सन
5. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के कर्मचारी
सबसे तेजी से बढ़ने वाले पेशे
कुछ प्रोफेशन ऐसे हैं, जो सबसे तेजी से विकसित हो रहे हैं. इनमें शामिल हैं:
- सॉफ्टवेयर डेवलपर्स
- फिनटेक इंजीनियर्स
- AI और मशीन लर्निंग एक्सपर्ट
- बिग डेटा एक्सपर्ट
किन नौकरियों में गिरावट आएगी?
रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले सालों में कुछ नौकरियों की मांग कम हो जाएगी. इनमें शामिल हैं:
- एडमिनिस्ट्रेटिव और सेक्रेटेरियल नौकरियां
- कैशियर्स
- टिकट क्लर्क्स
- डाटा एंट्री क्लर्क्स
- बैंक टेलर्स
- पोस्टल सर्विस क्लर्क्स
इन जॉब्स की मांग में तेजी से गिरावट होगी.
2025 से 2030 के बीच स्किल्स में बड़ा बदलाव
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 से 2030 के बीच 39% कर्मचारियों की स्किल्स को या तो पूरी तरह बदलने की जरूरत होगी या वे अप्रचलित हो जाएंगी.