नई दिल्ली: भारतीय पुनर्वास परिषद (Rehabilitation Council of India) ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें दो वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा पाठ्यक्रमों को मंजूरी देना बंद करने और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) के इंटीग्रेटेड बीए-बीएड कार्यक्रम के अनुरूप एक नया ट्रेनिंग प्रोग्राम डेवलप करने का निर्णय लिया गया था.


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आरसीआई के सर्कुलर में कहा गया है: "शिक्षकों की योग्यता को अपग्रेड करने के लिए, एनसीटीई ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के तहत एक इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें बीएड की अवधि दो से बढ़ाकर चार साल कर दी गई है. इस परिषद ने दो वर्षीय बीएड स्पेशल एजुकेशन की नई मंजूरी नहीं देने का फैसला किया है और जल्द ही एनसीटीई के अनुरूप एक नया ट्रेनिंग प्रोग्राम डेवलप किया जाएगा.


कुलपति रेनू विग ने कहा, "इसका मतलब है, आरसीआई के तहत पीयू और अन्य संबद्धित कॉलेज सामुदायिक शिक्षा और विकलांगता अध्ययन विभाग छात्रों को दो वर्षीय बीएड स्पेशल एजुकेशन प्रोग्राम में एडमिशन नहीं दे सकता है. अगले सेशन के लिए पोर्टल खुलने पर उन्हें चार वर्षीय बीएड स्पेशल कोर्स के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा. इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी एंड वोकेशनल एजुकेशन को चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम के लिए मंजूरी मिल गई है.


पीयू पहले से ही चार साल का बीए-बीएड कार्यक्रम पेश करता है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि बुनियादी ढांचे की कमी और अन्य कारकों के कारण नए चार साल के बीएड स्पेशल एजुकेशन प्रोग्राम को शुरू करने के लिए विचार-विमर्श की आवश्यकता है.


शिक्षा विभाग की अध्यक्ष सतविंदरपाल कौर ने कहा: "वर्तमान में, केवल एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें नई स्वीकृतियों को बंद करने की बात कही गई है. डिटेल्ड गाइडलाइन्स, तौर-तरीके और बुनियादी ढांचे के साथ कोर्सेस जारी नहीं किए गए हैं, इसलिए इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा. विश्वविद्यालय के लिए, चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड स्पेशल एजुकेशन को लागू करना बुनियादी ढांचे और अन्य पहलुओं से संबंधित चुनौतियां पेश करता है. सवाल उठते हैं कि बीएड सेप्शल एजुकेशन के साथ इंटीग्रेटेड चार वर्षीय बीए के लिए कितने शिक्षकों की आवश्यकता होगी - विषय शिक्षकों, शिक्षा सम्मान और शिक्षाशास्त्र. ऐसे में इस पर विस्तृत चर्चा की आवश्यक है, और निर्णय अभी भी लंबित है, इसलिए कोई भी निर्णायक बयान देना जल्दबाजी होगी."


इस कदम का समर्थन करते हुए, शिक्षा विभाग के जतिंदर ग्रोवर ने कहा: "यह एक सकारात्मक कदम होगा, क्योंकि अब छात्रों को 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद यह तय करना होगा कि वे टीचिंग के पेशे को अपनाना चाहते हैं या नहीं. इस बदलाव से शिक्षाविदों की गुणवत्ता में वृद्धि होने की उम्मीद है. एक इंटीग्रेटेड कार्यक्रम के मामले में बीएड स्पेशल एजुकेशन शिक्षा माध्यमिक या तृतीयक विकल्प होने के बजाय प्राथमिक विकल्प के रूप में होगी. हालांकि, ऐसे पाठ्यक्रम का विवरण प्राप्त करने में कम से कम छह महीने लगेंगे.


बीएड विशेष शिक्षा, दो साल का पूर्णकालिक कार्यक्रम, का उद्देश्य विकलांग बच्चों के लिए विभिन्न करियर विकल्पों की पेशकश करते हुए शिक्षकों को अपग्रेड करना है. वर्तमान में, पीयू के दो वर्षीय बीएड स्पेशल एजुकेशन प्रोग्राम में 2023-24 सेशन में 200% प्रवेश दर का दावा है, जिसमें 60 छात्रों (16 लड़के और 44 लड़कियों) ने प्रवेश लिया है.