UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), शिक्षा मंत्रालय, अंडरग्रेजुएट (UG) लेवल में आर्ट्स, साइंस और सोशल साइंस के विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों के लिए 12 भारतीय भाषाओं में बेसिक किताबें लिखने के लिए इच्छुक लेखकों/आलोचकों और एचईएलएस (HEls) के संकाय सदस्यों से 'रुचि की अभिव्यक्ति' (Expression of Interest) आमंत्रित कर रहा है. इच्छुक लेखक/आलोचक/एचईएल के संकाय सदस्य आयोग को अपनी स्वीकृति भेज सकते हैं और आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध फॉर्म के माध्यम से अपनी रुचि की अभिव्यक्ति (EoI) प्रस्तुत कर सकते हैं.


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आधिकारिक नोटिस के अनुसार, आवेदन करने की आखिरी तारीख 13 जनवरी, 2024 (मध्यरात्रि) है. कोई भी व्यक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://www.ugc.gov.in/ पर जाकर डिटेल्ड नोटिफिकेशन देख सकता है. आयोग ने असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू में किताबें लिखने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं.


यूजी पाठ्यक्रमों (चरण-1) के लिए भारतीय भाषाओं में बेसिक किताबें लिखने के लिए 'रुचि की अभिव्यक्ति' कैसे जमा करें?


स्टेप 1 - सबसे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://www.ugc.gov.in/ पर जाएं.


स्टेप 2 - इसके बाद होमपेज पर दिए गए, उस लिंक पर क्लिक करें जिसमें लिखा है, "यूजीसी सार्वजनिक सूचना के संबंध में: 12 भारतीय भाषाओं में बेसिक टेस्ट-बुक लिखने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) के लिए निमंत्रण."


स्टेप 3 - अब आप पीडीएफ डॉक्यूमेंट में उपलब्ध Google फॉर्म लिंक पर क्लिक करें, आपके सामने एक नया वेब पेज ओपन हो जाएगा.


स्टेप 4 - यहां आप नाम, वर्तमान स्थिति/रोजगार, डाक पता, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, एचईआई कार्य का प्रकार, कार्यक्रम जिसके लिए पुस्तक लिखी जाएगी, विषय, प्रस्तावित पुस्तक का अस्थायी शीर्षक, भाषा प्राथमिकता जैसे डिटेल प्रदान करके Google फॉर्म भरें.


यूजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि "यूजीसी 12 भारतीय भाषाओं में आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स और सोशल साइंस में ग्रेजुएशन लेवल पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है. हम विभिन्न राज्यों में नोडल विश्वविद्यालयों की पहचान कर रहे हैं, जो उन लेखकों की टीम बनाने की कवायद का समन्वय करेंगे, जो भारतीय भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्यपुस्तकें लिख सकते हैं."


अधिकारी ने आगे कहा, "यह प्रयास विश्वविद्यालयों में छात्रों को भारतीय भाषाओं में सीखने के अवसर प्रदान करने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य के अनुरूप है."