UPSC Preparation: IAS बनना है तो आपके बड़े काम की हैं ये मैगजीन, सिलेबस के बहुत सवालों के जवाब हैं इनमें
Megazine for UPSC: मैगजीन सभी सूचनाओं को एक ही जगह कवर करने में मदद करती हैं और यहां तक कि रिवीजन की जरूरत होने पर भी उपयोगी होती हैं.
UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए स्टडी मेटेरियल इक्ठ्ठा करना भी एक टास्क होता है. इसके लिए कैंडिडेट्स को अलग अलग सोर्स से कंटेंट इकट्ठा करना पड़ता है. आज हम यहां आपको मैगजीन्स के बारे में बता रहे हैं. यूपीएससी कैंडिडेट्स के ऊपर सिलेबस का अच्छा खासा बोझ होता है. उन्हें केवल करेंट अफेयर्स से अपडेट रहने के लिए दैनिक आधार पर न्यूज पेपर पढ़ने की जरूरत है. मैगजीन सभी सूचनाओं को एक ही जगह कवर करने में मदद करती हैं और यहां तक कि रिवीजन की जरूरत होने पर भी उपयोगी होती हैं. आज हम आपको यूपीएससी के लिए जरूरी मैगजीन के बारे में बता रहे हैं.
Kurukshetra: ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने कुरुक्षेत्र पत्रिका प्रकाशित की. यह पत्रिका ग्रामीण भारत में नई योजनाओं के बारे में एक विचार देती है. यह ग्रामीण भारत के मुद्दों और सभी कृषि और ग्रामीण समस्याओं से भी संबंधित है. लोक प्रशासन में करियर के लिए यह बहुत उपयोगी है. यह मुख्य परीक्षा के उम्मीदवारों के लिए एक जरूरी पत्रिका है.
Economic and Political Weekly: इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली एक ऐसी पत्रिका है जो कई उम्मीदवारों को मुश्किल लगती है लेकिन यूपीएससी के कुछ सवाल सीधे इस पत्रिका से पूछे जाते हैं, उदाहरण के लिए, 2016 में, यूपीएससी मेन्स में पूछा गया सवाल था कि जल-उपयोग दक्षता क्या है? जल-उपयोग दक्षता बढ़ाने में सूक्ष्म सिंचाई की भूमिका का वर्णन कीजिए. इस सवाल का उत्तर आसानी से दिया जा सकता था यदि कोई उस साल इस पत्रिका में प्रकाशित लेख को पढ़ लेता.
Down To Earth: डाउन टू अर्थ एक फोर्थनाइटली मैगजीन है जो पर्यावरण और विकास की राजनीति पर केंद्रित है, जिसे सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट द्वारा प्रकाशित किया जाता है. यूपीएससी के उम्मीदवारों के लिए यह मैगजीन अब एक जरूरत है.
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